गणेश गुण शतक | Ganesh Gun Shatak

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Ganesh Gun Shatak by श्री धर्मेंश मुनिजी - Shri Dharmesh Muniji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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7894 24%102030 26565 5 (49) दुःख का पहाड़ : गणेश के सिर तर्ज-- पल-पल बीतें उमरियाँ .......... पल-पल करते बीते रे, सुख में जीवन सारा। गणेश का प्यारा-प्यारा, गणेश का प्यारा।। टेर || मगर अचानक दुःख के बादल मंडराते-2, महामारी से जन-मन अति ही अकुलाते। जिससे सबकी आँखों में बहे अश्रु की धारा।।॥11। घर-घर में कोहराम मचा ये भारी है-2, श्मशान भूमि में लाशों का क्रम जारी है। कई घर उजड़ते रे, नहीं मिलता उठावन हारा 1 |21| 2६2६5९2६2६2८2६2६2६2६5६5825६5६545६2६5६2६5६38262६ %५२५२५२५२०५२०५२०५२५२१८०८५८०८ ०६०८०५८०५८ ०६ ०९०८ ०६ ०६५६ ०६०६ ५६ उसी चपेट में श्री गणेश भी आ जाते-2, व गाया




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