महर्षिकुलवैभवम | Mahrishikulvaibhavam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
184
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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जोपघपुर
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राजस्थान से आर अमन्यत्र भारताय संरक्तति के आधारभूत सरक्षत, पाऊूत
अपभ्र श, राजस्थानी हन्दा व अन्य सापाआ से लिखित प्राचीन सन्ध
का खांज करता तथा 5न्ह अकाश से ल्ाता |
आचात हस्तलिखित तनन््यों का संसह कर उत्तके संरक्षण की व्यध्षत्था
करता आर उपयोगी ग्न्धों को सम्बान्वत विद्वानों से सम्पाब्ति करा कऋर
उनके प्रकाशन की व्यवस्था करना |
सावारणतः भारतीय एवं मुख्यत सस्कत व आचीन राजस्थानी के
अध्ययन, अन्वेषणु, संशोध हछु अत्यावश्यक्र उत्तम अकार का सन्द्भ-
3तक-भरदढार (मुद्रित अन््धालय) स्थापित करना आर उसमें देश-विदेश
से झ॒द्रत विविध विषयक अलब्य-दलेध्य सर्भा अन्यों का यधासम्भव
संग्रह करना |
संगृहीत सामग्री से शोधकर्ता अध्येता विद्वातों को उसके अध्ययन ओर
अजुसंधान सें सहायता पहुंचाना |
राजस्थान के लोक-जीवन पर प्रकाश डालने वाले विविध बिपयक लोक
गांद, साम्रदायिक भजन, पद्ादिक सक्तति जाहित्य एवं सामाजिक सस्कार
धार्मिक व्यवहार तथा लाकक आचार-विचार आदि से सम्बन्धित सभी
सकार की सामग्री की शोच, संग्रह सरक्षण, एवं प्रकाशन करते की
व्यवस्था करना !
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