वे मौत से खेले थे | Ve Moth Se Khele The

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : वे मौत से खेले थे  - Ve Moth Se Khele The

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about काशीनाथ त्रिवेदी - Kaashinath Trivedi

Add Infomation AboutKaashinath Trivedi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
री । चटटस इच्दा है हि हमें दुनिया फी पात्रा फराने को ले जायें, लेकिय, भैचारे फे पास रैटिश सरीदने फो रुपये नहीं हैं ।” साश्चर्य पिक्रैपट ने फ्द्या--/रैडिश ) यद्द क्‍या चीज्ध है 1? जेफ्े फी झोर तिरन्कार स देंसऊर हेल्गा ने कद्दा--/यह तो रेडियस कहना चाहता था|” डेरिफ बोला--“बेयक्ूफ द्वी | रेंडियण्ट फद्दो, रेडियएट | पिक्रेफट उनकी ओर पिस्मय के साथ टेसता रहा । आपिर उस मोटर के शआ्याविष्कारक से तनिक हँसकर फहा--“मेरा सयाल है, कि ये लोग रेडियम कढ शा चाहने हैं | में अभी अभी इन्हें समझा रह्दा था कि मैंने एक ऐसे मोटर- एजिन का आविष्फार किया है, जो पेंद्रीश और रेडियम से चत्त सकता है| सूर्य किरणो के फारण रेडियम बहुत ही तेज्ञी के साभ सिक्कुड्ता और फैलवा है 1? इतना फहकर और निश्यास फरेंफर आपिप्फारक ने आगे कहा--“लेकिन केवल बातों से कया हो सकता है. ? सिर एक एज्िन तैयार फरने फे लिए कुछ नहीं तो एक लास पौण्ड की आवश्यकता है [? पिक्रैफ्ट ने दाढ़ी पर हाथ फेरा। बातचीत हेल्गा ने ताली बजाकर कदहा--“अवश्य ही! मेरा सयाल है कि यद्द फोई लसपती है 17? 1 जैफ्रे ने कहा--/लसपती न हो, तो जो कहो ध्वारूँ।”?




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now