आधुनिक विज्ञान कथाएँ | Aadhunik Vigyan Kathayen

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Aadhunik Vigyan Kathayen by राजीव रंजन उपाध्याय - Rajiv Ranjan Upadhyay

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नारगी / 20 करीब 14 दिन बाद सपल मिल गया। उसके अध्ययन मे दो सप्ताह लगे पर जा परिणाम मिले उनसे यह स्पष्ट हो गया था कि इन वा रसा में इत नारमगी के पौधा के डी० एन० ए० मे प्रवश करने की, उसे परिवर्तित करने की अपूर्व क्षमता है । इस प्रकार जो नया डी० एन० ए० का सीक्वेंस बनता है, वह स्वय इन पौधा को नष्ठ कर देता है। भंब उसका उपचार सभव है और नारगिया नाश से बचा ली जाएगी। प्रयोग चल रहा है । पर मर मस्तिष्क म सदा यह खटकता रहा--क्या ? इससे फायदा क्‍या है ? य देश विज्ञात का प्रयोग मानव और वनस्पति नाश के लिए क्यो कर रहे हैं ? खुशी थी समस्या का निदान हुआ। पर एक राष्ट्र की वानस्पतिक सपदा को अथवा उसकी नारगियों का नष्ट कर देने से कया देश नष्ट हो जाएगा ? एक राष्ट्र और एक जाति को नष्ट करने का यह प्रयास एक बार ओर हुआ है। परिणाम सवविदित ही है । शाम का मोपरनास के डोम के रस्ट्रा मे विरोनिका स भेट हुई। उसे परिणाम बताया तो बोली, तुम क्या सोच रहें हो, तुम्हारे इस काय ने एक देश का कल्याण किया है, विज्ञान मे विश्वास व्यक्त क्या है तो दूसरी शोर तुम्हे बुलाया भी तो है इजराइल के विज्ञान सस्‍्यान ने । जाओ वहां, कॉफी पीना ओर इजराइली लडकियों से बातें करना। आखिर जीवन में विभान की साधना ही ता सव कुछ नही है ।” “हा, तुम ठीक कहती हो, पर यदि इजराइली लडकिया तुम्हारी तरह हुई तो जाना बंकार है।” “अर, एमी बान है ता तुम मेरा चुवन ले सकते हो,” कहकर विरोनिका हसी चुवन दिया और आबुआ (विदा) कहकर चल दी। 1 कोशिका के अदर का एक प्रकार का द्रव्य 2 जा मानव और पौधा आदि मे पैतक ग्रुण प्रदान करता है, इसे डी- आक्मी राइवा “यूक्लिक एसिड कहते है! 3 जैव रासायनिक पदाय जा प्रोटीन आदि का बनाता है। 4 पेरिस का श्रसिद्ध राजपथ 1 डर ले




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