रिपोर्टर | Reportar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
204
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)8: कि
परीक्षा देना और किसी तरह सेकेण्ड क्लास में पास कर रामपुर महा-
राजा हरिश्च॒न्द्र कॉलेज में लेक्चरर का पद प्राप्त करना ।
नेपुदा ने कहा, “हरिसाघन बादू, यह हम लोगों का वच्चू है। बहुत
अच्छा लिखता है। इसीलिए यहाँ काम में लगा देने के लिए तुम्हारे
हाथों में सौप रहा हूँ।”
मार्केनटाइल फ़र्म के बड़े साहव की तरह बिना कुछ बोले अखबार
पढ़ते-पढ़ते घण्टी बजायी। अठारह-उन्नीस साल के एक नौजवान ने
जैसे ही कमरे के अन्दर प्रवेश किया, हरिसाधन बाबू बोलें, “तारापद
को बुला ला ।/
थोड़ी देर बाद ही एक मध्यवयस्क सज्जन ने कमरे के अन्दर प्रवेश
किया । पहरावा पंट-शर्ट । चेहरे से वुद्धिमत्ता टपक्र रही थी ।
“तारापद, तुमने कहा था कि तुम्हारे रिपोर्टिंग सेक्शन में आदमी
की कमी है। इसीलिए इसे तुम्हारे डिपार्टमेंट में दे रहा हूँ ।” अगूठे से
हरिसाधन बाबू ने मेरी ओर इशारा किया।
तारापद बाबू ज़रा तिरछी हँसी हँसकर वोले, “इस तरह और
कितने दिनों तक काम चलाइएगा ? दो-चार अच्छे रिपोर्टर के बिना
अब काम चलना नामुमकिन है।”
अब तारापद वाबू ने मेरी ओर गिद्धवृष्टि से देखा पूछा, “इसके
पहले किसी अखबार में आपने काम किया है ?”
“नहीं 1!
लगा, सवाल और उसके जवाव का मर्म हरिसाधन बाबू की समझ
में आ गया । बस, इतना हो कहा, “दो-चार महीने देख लो, उत्के बाद
जैसा होगा, किया जायेगा ।
तारापद बाबू ने मुझे अपने साथ चलने को कहा। मैंते एक वार
नेपुदा और हरिसाधन वावू की ओर देखा और फिर तारापद वाबू के
पीछे-पोछे चल दिया।
तारापद बाबू दो मंजिले के कमरे के अन्दर गये । दरवाजे पर लिखा
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