स्वास्थ्य - विज्ञान | Swastha Vigyaan

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Swastha Vigyaan by भास्कर गोविन्द घाणेकर - Bhaskar Govind Ghanekar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( & ) कर . रोग पैदा करते हैं । विशुद्ध हवा में जीवाणुओं की संख्या नगण्य-सी है तथापि बड़े बड़े दाहरों में जहाँ मचुप्य की बस्ती घनी यत से पाये जाते हैं । घूछ्ि हवा का एक आावदइयक घटक भोसख या बरसात नहीं हो सकती । इवा में पानी का जो भाग वह घूखि के कण को केंद बनाकर उसके चारों ओर जम जाता हवा में धूल न हो तो पा इत्यादि पर जम जायया । हवा को बिगाड़ने वाले यद्यपि प्रकृति में चिशुद्ध हवा पाई जाती है तथापि उससे बिगाड़ किस तरह से पैदा होती है इस बात को अच्छी तरह जानने की जरूरत है। क्योंकि प्राणों का भाघार बनने के इवा का अत्यन्त स्वच्छ होना आवश्यक है । हवा खराब होने के निम्नलिखित कारण हैं । १-दवास-प्रदवास क्रिया । र-ज्वछन क्रिया । चिघटन भर सड्न । थ-घूलि भोर भवलंबनस्थ सूक्ष्म पदाथ । _९-जीबाणु । इवास-प्रदवास क्रिया---दर एक प्राणी हवा को श्वास द्वारा फेफड़ों के




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