मूल पालि महापरिनिर्वाण सूत्र | Mul Pali Mahaparinirvan Sutra

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Mul Pali Mahaparinirvan Sutra by भिक्षु कित्तिमा - Bhixu Kittima

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नमो तस्स भगवतों अरहतो सम्मा सम्बुद्धस्स निवेदन 2 .. . आज़ में “महास्थविर महावीर-अन्थमालढा” के इस तृतीय पुष्प महा- . परिनिर्वाण सूत्र के पाठकों के सन्मुख उपस्थित करता हूँ। इस सूजअ में... | मूल पाछि के साथ हिन्दी अलुवाद भी रखा गया है। ताकि मूल पाछिन.... .. जाननेवालों को भी सूछ का आनन्द मिल सके | 2 10107 17777 जी २ इस सूत्र में उत्तरी भारत के प्राचीन मगध, वैशाको, कपिलवस्तु, . | . कुशीनारा आदि तत्कालीन अज्ञातन्त्र राष्ट्रों की राजनीतिक, सामाजिक ओर... | ... धार्मिक अवस्था का झुल्द्र विवरण है। दूसरे शब्दों में यह सूत्र बुद्ध्कालीन | .. भारतके प्रजातन्त राज्यों का एक प्रामाणिक इतिहास है | अतः इस पर प्रकाश... || .. डालने के लिए एक विद्धत्तापूर्ण विस्तृत ऐेतिहासिक भूमिका की अनिवाय्य__. | +.. आवश्यकता थी; किन्तु वर्मी भाषा-भाषी होने के कारण मैं वैला नहीं कर सका ।.._. ..... मूल पालिभाषा को यथाशक्ति शुद्ध-शुद्ध छापने की कोशिश की गई है।... | . फिर भी यदि कुछ च॒टियाँ रह गई हों तो आशा है कृपालु पाठक इस ओर विशेष ध्यान न दे कर पूज्य तथागत की उन शिक्षाओं ओर आदशों को, जो है अमीर-गरीब सबके लिए कल्याणप्रद है ध्यानपूवक पढ़ेंगे । मम ..... इस सूत्र का-हिन्दी अज॒वाद प्रसिद्ध भारतीय विद्वान त्रिपिटकाचार्य महामणिडत राहुल सांकृत्यायन जी ओर भिक्ु जगदीश काश्यप जी एम० ए० ॥ द्वारा अनूदित 'दीधनिकाय से लिया गया है। इसके लिए में इन विद्वानों. . का छऊृतज्ष हूँ। । ही ० ... मुझे यह उमीद न थी कि यह पुस्तक इतनी जलूदी प्रकाशित हो सकेग।, . किन्तु अशकान (बर्मा) निवासी भ्रद्धालु उपासक श्री ऊ० चोज्ञन्‌ (7. एए७ए 2917, 37790, 3191787) ने घन द्वारा सहायता दे कर मेरी हादिक इच्छा पूरी की । इसके लिए में उन्हें धन्यवाद दिए बिना नहीं रह सकता। अन्त में में अपने पाठकों को धन्यवाद देना अपना परम कक्तेव्य




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