जंबूसामिचरिउ | Jambusamichariu
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
582
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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संस्थापित
भारतीय ज्ञानपीठ मू्तिदेवी जेन ग्रन्थमाला
हस ग्रन्थमालाके अन्तर्गत प्राकृत, संस्कृत, अपअरंश, दिन्दी, कन्नढ, तमिल झादि प्राचीन मापषाकेंमिं
उपरूब्ध आगम्रिक, दाशंनिक, पौराणिक, साहित्यिक, ऐतिहासिक आदि विविध-विषयक
मचाशिफस अनुसन्धानपूर्ण सस्पादून तथा उसका मूछ और यथासम्सव
: अनुवाद आदिके साथ प्रकाशन हो रहा है । जैन मण्दारोंकी
सूचियाँ, शिलालेख-संग्रह, विशिष्ट विद्वानोंके अध्ययन-
अन्य और छोकहितकारी जैन-साहित्य अन्य भी
इसी अन्थमालामें प्रकाशित हो रहे हैं ।
... पग्रन्यमाला सम्पादक
डॉ० हीराछाल जैन, एम० ए०, डी० लिद०
डॉ० आ० ने० उपाध्ये, एम० ए०, डी० लिट्०
अकाशक
भारतीय ज्ञानपीठ
प्रधान कार्यात्थ : ९ अछीपुर पार्क प्लेस, कछकत्ता-२७
प्रकाशन कार्यारषय : दुर्गाकुण्ड मार्ग, चाराणसी-७
विक्रय केन्द्र : ३६२०२ नेताजी सुभाष भागे, दिल्ली-६
मुद्रक : सन्मति मुद्रणाल॒य, दुर्गाकुण्ड मार्ग, वाराणसी-५
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(० ०९५/९५३९५.३७-२५-२१५/०५/४५७-४१५०१७०५००७/७/+९०१५०५३/४०६/३००_कलननतरिकमक.
स्पापना : फास्गुन कृष्ण ९, वीर नि० २९७० ७ विक्रम स० २००० ७ ३८ फरवरी सन् १९४४
सर्वाधिकार
सुरक्षित
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