अथ वेदांगप्रकाश भाग - 3 | Ath Vedangaprakash Bhag - 3
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
140
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पं. युधिष्ठिर मीमांसक - Pt Yudhishthir Mimansak
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दो बाते
इस लघु पुस्तिका को व्याकरण अध्ययन करने वाले छात्रों के
समक्ष उपस्थित करते हुये हम हपे का अनुभव करते है। यह इन्हीं
'छात्रबन्धुओं को व्याकरण के आरंभिक किन्तु प्रोढ सिद्धान्तकोमुदी
के अथे को हृदयंगम कराने एवं सदा स्मृतिपथ में बनाये रखने के
लक्ष्य से हीं प्रस्तुत की गयी हे।
व्याकरण के छात्रों की संस्क्रृत-साहित्य में विशेष गति न होने के
कारण लच्छेदार उन्हीं संस्कृतपंक्तियों में सूत्र, वार्तिक तथा परिभा-
षाओं का व्याख्यान करना 'कोडन्तस्थ मोडन्तो3थे” कहाबत को
चरिताथे करना होगा। अतः राष्ट्रभाषा में ही समभने में सुगमता
होगी यह अलनुभव किया गया। तदनुसार तत्तत्मयोगो के सम्बन्धित
सभी साधनिकाओं को संक्षिप्त पर सुस्पष्ट भाषामयी पंक्तियों से यथा-_
संभव सरलता से समझाने का प्रयास किया गया है | प्रतिपाद्य विषय
की कठिनता से इसमें साहित्यिक भाषा का प्रयोग संभव नहीं--यह
सभी सहृददय विद्वान मान ही लेंगे । श्रयोगों के अथे तथा साधनिका
कोमुदी की प्राचीन टीका बालमनोरमा-तस्त्वबोधिनी के आधार पर ही |
प्रस्तुत की गयी है । आधुनिक व्याख्यानों की छाया से भी यह अस्पृष्ट हे।
रा० म० प्र० खण्ड में निधोरित अंश--म्रीप्रत्ययान्त का विवरण !
इसमें दिया गया हे । यदि विद्यार्थियों ने इसको अपनाने में उत्साह!
दिखाया तो अग्रिम भागों का भी इसी क्रम से प्रस्तुत करने के लिये
हम कृतसंकल्प हैं। इसमें हमारे अनवबोध, अनवधान तथा मुद्रण
आदि सें जो कुछ भी चटि आ गयी हो उसके लिए हम आपकी
सहानुभूति पूर्ण क्षमाकांक्षी है।
सस्कृत राहित्य का लघु सेवक--
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