आदमी वहशी हो जायेगा | Aadami Vahshi Ho Jayega
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
182
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)$0<९:९१०। मिल 23 २
अभी वह दो कदम ही चली थी कि सीगमारनी' “डिड्कारेनेलसह। 'कटयनी)
रंभाने लगी । दोनो ने पूंछ उठाई और दोड़कर दोनों घरों: मेनन >दीवाह-४
केपास जा पहुंची । मार सीग, मार सीग | दीवार डहाने लगी। पिंडारी और
जब्बरा भी भों-भों करते आ पहुंचे । पंजो से मिट्टी उकेर दूर फेकने लगे।
'तो ये भी यही चाहते है। जानवरो के अंदर की सूझ ।” मुकामो ठिठकी,
फिर जरदी-जल्दी मे दीवार की ओर बढ़ी । फिर ठिंठक गयी, इधर से जाना नही,
यह तो आने का रास्ता है। अत: करमू का दरवाजा पार कर सीधे रास्ते अपने घर
के अह्दाते मे घुसी ।
थोड़ी देर पहले घर में अथाह पानी भरा था, किंतु अब काफी बह चुका था,
जो बच रहा, वह बहे जा रहा था । कीठे की तीन ओर की दीवारें पूरी तरह ढह
चुकी थी । जिम दीवार मे ताख थी वह करमू की भीत के सहारे खड्टी थी। हूं ।”
तो यह न गिरी, न गिरेगी, जब तक कि करमू का कोठा भी न गिर जाये और यह
भी हो सकता है इसी के सहारे करमू का कोठा बच रहा हो । बेजुबान दीव/र न
बोली, न मुकामो के लिए बोलने की राह बच रही।
उसमे ताख में री संदृकची और गंडासा उठाया और जानवरों द्वारा ढहाई
जाती दीवार से कुछ हटकर बैठ गयी । वह इस बादर हाफ रही थी जैसे भटकाव
भरी मजिल तय कर अब चिर विश्राम चाहती हो ।
पूरब दिशा से बादल पूरी तरह छिटक गये, पश्चिम क्षितिज, पर विजली
अतिम बार कौंघकर विलुप्त हो गयी और उजली धूप चिटक गयी ।
मुकामों से पुकारा--'करमू ! ओ***करमभू ।*
करमू ढहती दीवार के मलवे पर आ खड़ा हुआ। मुकामों भी उठी। चटक
धूप में बेल की गुलझन खुल चुकी थी |
'तैने रात मुझे मारा रे
हां, अगर अपने आपको मारने की चेष्टा करती रही तो अभी और
माछंया।
“अब मेरा कौन है रे, जानवरों के सहारे बेठी थी, पर वे तो बदकार निकले ।
देख, कैसे त्ताबड-तोड़ दीवार ढहाये जा रहे हैं ।अब में किस ओट में बंदूगी
रे।
भुकामो का दर्प विगलित होने की हृद पर आकर रुक गया | दर्प का एक
टुकड़ा अभी संजोये रखा, अतः स्वर में बदलाव आ गया। “पर देख रे, अभी इस
गंडासे की घार चोखी बनी है, मोयरी नही हुई । भले मुकामो की घार मोथरी
पड़ गयी हो। जे कभी नाहक हाथ उठाया तो यह सर पर झूल जायेगा । पर दिखता
तो ऐसा नही रे, जो नाहफ जोर जात पै हाथ उठाये । नामर्द की अब्वल निशानी
ये कि औरत को पाव की जूती समझे और औकात समझाने के लिए मारे। पर
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