श्री सत्यबोध | Shri Satya Bodh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20 MB
कुल पष्ठ :
390
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)९.
थी तिछोक ऋषिजी महाराजका जीवन चरित्रम् ४५
संस्कृते पूज्य पादस्य थुरुपरमस्परासहित
जीवनचरित्रम्
हक
नत्वाज्य शासनपति महेत्स वीरम,
स्तुत्वा गिरे निखिलर्जान्मगरोश्च तस्य ॥
जिज्ञासवर्गप्रमुदे ऋषिपुद्धबानाम.
पादावलि वितज॒ते स्वश्रुतक्रमेण ॥ १ ॥
आदिरत्यचेशग्रभवाः खलु कोशलेन्द्रा।,
काले गंतज्थ विदिता रघवेशनाम्ना ॥
एवं हि संयतिसमाजमहर्पिवर्गा;,
जाता! 'कहान' जि ऋाषेगच्छग्रसिद्धिमाज: ॥ २ ॥
श्रीमत्सपृज्यपदवी ऋषिपुंगवानाम्,
रूदः 'कहान! जी ऋषिरद्य न भ्रतलेडस्ति ॥
जागर्ति तदगुणगणग्रखरस्तथापि,
एतावता स विदितों विद्ितग्रमाव; ॥| ३ ॥
तत्पाथ्यार्तिरभवइ षिवर्गमु रूय :,
ताराऋषिस्सकलशाखरविचारदअ्) ||
कालाकऋ्राधपिस्तदनु पृज्यपद डविरूदः,
एवंक्रमेण बखस् (बक्ष) ऋषिपूज्यपादः ॥| ४ ॥
पृज्योब्थधन्य (घनजी) ऋषिरगुसरों झ्ुनीना,
मयवंतशिष्यश्रवरः खलु तस्य जातः ॥
ताच्छष्यलोकरूविदितः गप्रथितप्रमावों, ु
जातत्रिलोक इति लोकललामभूतः ॥ ५ ॥
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