राजनीतिक विचारों का इतिहास | Raajneetik Vicharon Ka Itihas

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गंगाप्रसाद - Gangaprasad

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ज्योतिप्रसाद सूद - Jyoti Prasad Sood

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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थ् ग्राधुनिक राजनीतिक विचारों का इतिहास वीं दाताव्दी के आरम्भ में जिस धर्म-प्रचार श्रान्दोलन का विकास हुप्रा उससे जनता के श्रत्तपकरण को मजदूरों के दुख तथा दारिद्रथ के प्रति श्रघिक संवेदना - चील बना दि धर्म-प्रचारकों ने उन लोगों को मानव-श्रात्या के गौरव का संदेश दिया जिस्टें कल-कारखानों में एसी झोवनीय स्थिति में काम करना पड़ता था जिसकी थि उन्हें पहले से कोई श्रादव ने थी । उनके उपदेद्यों ने दलित दग के प्रति सहातुभति पैर संबेइना का संचार किया आर उसके जीवन-भाग्य सें सुधार करने के लिये एक श्ान्दोलत को जन्म दिया । जिम समय धमं-प्रचारक तथा कविंगण मानव व्यक्ति के सुल्य तथा गौरव पर बल दे रहे थे तथा मचुप्यर के सामने आदर्यों को प्रतिस्थापना कर रहे थे ठोफ उसी समय ब्रौद्योगिक क्रान्ति सानव-जीवतन को पत्तित कर रही थी श्र मनुप्य को हुृदय- विदारक स्थिति में कार्य करने को विवि कर रही थी । उस समय श्रादर्दा तथा यथार्थ में सचमुच बड़ा भारी विरोध था । एक नवीन समस्या ग्र्धात्तु सबसाधारण के कप्टों की समस्या उत्पन्न हो गई। ऐसी स्थिति में यह स्वाभाविक ही था कि बेस्थम सरीखे क्रास्तिकारी सूधारकों ने मनप्य के सखोपभोग के श्रधिकार पर बल दिया श्र सरकार के सामने जीवन तथा कार्य की स्थितियों में सुधार करने श्रौर उन्हें विनियमित करने की तुरस्त श्रावय्यकता को जोरदार ढंग से रखा। इस प्रकार उपयोगितावाद (.001घएंआाएंडा) नामक विचार-पद्धति का जन्म हुआ । इसका शिलान्यास बेन्थम ने किया श्र जम्स मिल जॉन स्टुब्र्ट सिल तथा जान ऑ्रॉस्टित इसके मुख्य संदेश- वाहक थे। उनके सिद्धान्तों की समीक्षा करने से पहल उपयोगितावाद के स्वरूप तथा ग्र्थ के विपष में दो थब्द कह देता आवदयक प्रतीत होता है। उपयोगितावबाद ( ए0॥120घकां50 )-- १९वीं गताब्दी के पुर्वाद्ध में उपयो गिता- बाद का प्रादर्भमाव होना तथा उसका शीघ्र ही विचार-जगत पर श्राच्छादित हो जाना ब्रिटिश कल्प-विकल्प के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण घटना है । यद्यपि इसके किसी भी दु विचारक श्रर्थात्‌ वन्थम जेम्स मिल जॉन स्टुप्नटें सिल तथा जॉन ग्रौंस्टित की तुलना बेकन हॉब्स लॉक बकल तथा ह्मम सरीखे प्रथम श्रेणी के विचारकों से नहीं की जा सकती परन्तु उपरोक्त विचारकों में से किसी ने भी कोई एक निश्चित विचार श्रनुयायी समूह को इस प्रकार प्रदान नहीं किया जिस प्रकार कि वेन्थम ने । हॉब्स ने भ्रवद्य एक क्रमवद्ध विचार-प्रणाली की रचना की परन्तु उसका कोई अ्रचुयायी न था । लॉक ने एक नवीन मा प्रदास्त किया किन्तु उसके विचारों को थ्रागे चलकर विभिन्न दियाग्रों. में विकसित किया गया। श्याम के विचारों का भी विशेष श्रतसरण नहीं किया गया ।- सारांदा यह हैं कि इनमें से किसी ने भी किसी सिष्चित विचार-प्रणाली का थिलान्यास नहीं किया। यह कार्य वेन्थम ही का था कि उसने आचारशास्त्र तथा नीतिशास्त्र के विषय में कुछ ऐसे निश्चित सिद्धार्न्तों का प्रतिपादन किया जिनको उसके शिप्यां तथा ग्रनुयाइयों ने विकसित किया जो उपयोगितावबादियों के नाम से विख्यात हुए। सा घटना अथातु एक निश्चित विचार-प्रणाली की स्थापना के समानान्तर की




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