समाजशास्त्र परिचय | Samajashastr Parichay

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Samajashastr Parichay  by रामपाल सिंह गौड़ - Rampal Singh Goud

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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समाजशास्त्र क्या हैं ? पे समाजशासत ने तो कोई एक विश्ञिप्ट सामाजिक शास्त्र है और ने सभी सामाजिव शास्त्र वी सिचही। यह वह विज्ञान है जो सब सामाजिक विभान आप से आप उम्नत करते हैं । यह प्रजातिए (8०1०४०) वस्तु है भौर विचान के क्षत्र मं आविम [807८७) है । विभिन्न विशिष्ट सामाजिक विज्ञान इस सश्लेय या सऔगिक के तत्व हैं जिनका इस ज्ञास्त्र म व्यक्तित्व लुप्त हा जाता है झौर इन तत्वा से बनी हुई नई वस्तु निर्मायक तत्वा (20801007६ शध्य०४) से भिन्न शौर अंचे दरजे की हावी है रे दुरखीम (फ्रासीतो)--इसका कथन है कि समाजद्ास्त्र का तीन भागा से बाँदा जा सकता है (१) सामाजिव रुपशास्त्र (506० #णफाण०३५) (२) सामाजिक शरीर रचनाशास्त्र (80००७ ?॥४४००१७) (३) सामाय समाजजास्य (ठद1वूर्ण 8००४ण०४५) सामाजिक रूपशास्त्र मे वे सर विषय झआते हैं जिनद्ा आधार भौगालिक है, जैंसे किसी देश की जनतस्या, उनका परिमाण, घनाय वितरण तथा ईद्धि झाहटि। सामाजिव' शरीर रचनाशात्त म वे सब विषय आ जाते हैं. जिनका अ्रध्ययत विशेष सामाजिक विज्ञान वरते हैं जैस भय घम, भाषा, नीति, कागून झ्ादि 1 इन बिषया वा अध्ययन करते के लिए घम श्रथ वनुन, भाषा, नीति झादि व विशिष्ट समानशास्थ्र विशसित हुए हैं 1? इह विशेष समाजशास्त्र (3/०.08 502101081६) बहते है । साप्राय समाज शास्त्र (000181 50001०8)) वा उद्दे श्य विशिष्ट सामाजिक विभानां के क्षेत्रा म काम करन वाले सामास्य नियम (ठशाद्य 19७8) का पता लगाता है । समागशास्त्र का यह भाग दाशनिक है और दुरखीस का कथन है कि मह दाशनिक विव॑त्रन [ एका050एशपप्वा ए5८5ञ०॥ ). तभी. सम्मव है. जय समाजा वे मित्र भिनत्र भाग >घम शरण, नीति, राज्य ध्रादि क विशिष्ट सामाजिवशास्त्र अपना शहरा विवेचन कर । हाबहाउस -- इगलड के समाजशास्त्री हॉवह्मउस ने भी समर वयात्मक हृप्टिकोश वा प्रतिषादन किया है । वह कहता है वि' विविध सामाजिक व्रिचानों का समवय ही समाजशास्त्र है। उसके अतुपार समाजशास्त्री का दो प्रकार दा अ्रध्ययन कस्‍ना चाहिए-- (३१) प्रथशास्त्र या इतिहास अथवा अय विशिष्ट सामाजिक विचाता का अध्ययन करते समय उन सिद्धातता पर विशेष मतन करना जितवा समाज के विकास के साथ सम्बध ही प्रयवा जो परस्पर सम्बीधत हो। यहाँ विविध सामाजिक विचाना के सिद्धान्तो का प्रध्ययन उन विज्ञना मे समवय तरने वे लिए किया जाता है। व. एफरराल एडकट उीफ्राश्उग्त्गह# छ़ थे 2. हेत्टापाठह9 ता छिडछाइश०० 8०0० ०8५० 61 ८ 80901729 ०2.9: हपकटृ ० व्यत 80०७००४४ व 1 माह मल ह




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