अमृत रस संग्रह | Amrit Ras Sangrah

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Amrit Ras Sangrah by रामचन्द्र - Ramchandra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| श्छ विपय, ११ हाल सागर ७ दोह्ष ३ १देवरजी भूल आविया , २ प्यारों नदन छागे जगत नीको ३ काछी नागने नाथने हो ४ आयो आयेरे मामाने नारद ५ भूवाजी कृष्ण मिलावे रे ६ भूगाजी अव किम करसू हो... ७ भूडा घराकी जाई भूडी पांडव चरिशन्न ३ १ च्यारके उत्तर सुन हैना २ पत्तर आयो मानो मानोजी ३ पियवद आय मिल्यो वनमे अजय १६ व्याख्यान ३८ १ विजयाकुमारनो चोदाकियो ५ दोहा ७ - ३ जय छीपना भरतंम दोहा ३ ३ सौले शृगार सी मछा , दोह्य २ २ तिण अवस्तर तिण काछि दोहा ३६ ” मिनदास मुनिवर बादने हो '९ शीत प्रमुनी गादी ,.., _... «& ५ २ ड इछ्या २४१ २४१ २४२ २४३ २४४ २४५ २४६ २४६ २४७ २१४८ २४९०, २४९ २१० ३3%१ २५१ शहर मग्५ है २५३२ २५९ २५५




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