हिन्दी अर्धमागधी रीडर | Hindi Ardhamagadhi Reedar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अधेसागधी व्याकरयणा। 9 अधेमागधी ७० अच्घमागधो उस भाषा का नाम है जिस में श्वेंतम्बर साप्रदाय फे आगम ग्रन्थ अर्थात्‌ भ्रक्न, उपाझ्ञ आदि सूत्र लिखे हुए हैं। साधारण जन इसको प्राकृत या मागधी भी कहते हैं। किन्तु इन में प्राकृत तो जाति वायक शब्द है और मागधी ध्यक्ति धाचक | प्राकृत कहने से सब धरकार की भाषाएं जो नाटक तथा झ्रन्य भ्न्थ सत्तसई, गडड़बहो, सेतुबन्ध आदि में प्रयुक्त हुई है घद भी झा जाती हैं. । कभी कमी प्राकृत फहने से महाराष्ट्री नाम एक प्राकृत भाषा का बोध होता है ! मागधी कहने से मगध देश की प्राकृत भाषा का बोध द्वाता हूँ. जो अर्थ मायधी से कुछ कुछ मिलती है । ७१ ओऔपपातियः ( ओचवाइय ) सूत्र में लिखा है कि भगवान्‌ मदा- बीर अधंमागधी भाषा में बोलते थे। डसी भाषा में घर्मापदेश देते थे । बह अध्धमागधी सब आये और झनाय॑ पुरुषों की अपनी अपनी भाषा के रूप में बदल जाती थी। दथा आचाये . दैमचन्द्र अपने व्याकरण की टीका में लिखते हैं कि पुराने सत्र ( अर्थात अछ्, उपाहृ आदि ) अर्धभागघी भाषा में रखे , हुए हैं। इससे सिद्ध हुआ कि सूभ्ो की भाषा का असली नाम अरधमागधी ही है ॥ * डे




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