मूल - सुत्ताणि | Mul Suttani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
738
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अ०४ ] दसवेबालियम॒त्तं १७
ने धटुज्जा ने भिदेश्ञा-
अन॑ न आलिहावेज्जा न विलिहावेज्जा
ने घद्ठावेजा न भिदावेज्जा
अन्न आतिहंतं वा विलिहंतं वा
घटंतं वा भिदंतं वा न समणजाणेज्जा
जावज्जीवाए तिविहू तिविहेणं
मणेणं वायाए काएण॑--
ने करेमि न कारवेसि-
करते पि अन्न न समणुजाणामि-
तस्स भत्ते !
पडिक्कमामि निदामि गरिहामि
अप्याणं चोतिरामि ॥ १४
से भिक्यू वा भिक्खुणी वा-
संजय-विरय-पड़िहुय-पज्चक्खाय-पादक्कमे-
दिआ वा राओ वा-
एगओ वा परिसानओं वा-
सुत्ते वा जागरमाणे वा-
से उद्गगं दा जोस वा हि वा महिय॑ वा-
करगं वा हरितणुगं वा सुद्ोदर्ग बा-
उदउल्ल वा कार्य उदउल्ल वा दत्वं-
ससिणिद्ध वा काय॑ ससिणिद्ध वा बत्य॑-
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