मुधोल राजवंश का प्राचीन इतिहास | Mudhol Rajavansh Ka Prachin Itihas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
82
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मुधोल राजवेश का प्राचीन इतिहास । (५७)
द्वारा भिन्न २ प्रान्तोंके जीते जानेको स्पप्टतया
साचत करती हैँ । आगे हमदेखेंगे कि घोरपडों
नें आदिलशाह की किस प्रकार सहायता की।
हम देख चुके हँ के यूसुफ आदिलशाह-
ने खलोजी को बुलाया था और उनसे मित्रता
करला थी | गोआके धावे से लौट कर इ०
सन् १५१० (है० सन् ९१६) में यूछुफ आदिल
शाह मर गया । उसका नाबालिग लड़का
इस्माइल आदिलशाह गद्दीपर बेठा और
कमालखोां ने राज्य के मामलों को देखना
शरू किया । इसके अनन्तर वीजापुर और
अहमदनगर के कुछेक कुटिल नीतिमान
पुरुषों ने राज्यों को अपने वदशमें करने के लिये
उस समय के बादशाहों को उनके सिहासनों
से हटानका प्रमत्न भारम्भ किया । अहमद-
नगर में अमीर बरीद अपने स्वामी निजाम-
शाह की कद करते मे सफल हुआ । यहां
बीजापुर में कमालखाँ ने जवान इस्माइल
आर उसको माँ को कंद कर एक बड़ी फाज के
साथ शोलापुर की ओर प्रस्थान किया ।
अहमदनगर से समयोपयोगी सहायता न
आ सकने के कारण शोलापुर का किला
कमालखां के हाथ लग गया ओर कमालखां
विजमसी होकर बीजापुर वापिस आया । उसने
युवा इस्माइल के नाम से एक शानदार दर-
बार किया परन्तु साथ ही बादशाह को
मरवाने या राज्यच्युत करनेका प्रयत्त करता
न
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