विश्व के प्रमुख संविधान | Vishv Ke Pramukh Sanvidhan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Vishv Ke Pramukh Sanvidhan by पी॰ के॰ चड्ढा - P. K. Chaddha

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पी॰ के॰ चड्ढा - P. K. Chaddha

Add Infomation AboutP. K. Chaddha

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
उ्बेटिश सविधाव १9 परिभाषित कर दिया । सने 1628 को अधिकार याविका ने इस स्वेवानिक व्यवस्था को स्थापित कर दिया कि सआ्जाठ ससद के अधिनियमो के विना कर नहीं जगा सकता, विशेषाधिकारों के श्रत्गत किसी व्यक्ति को बदी नहीं बना सकता सथा शाति वाल में फौजी कानून लागू नहीं कर सकता । सन्‌ 1689 के श्रधिकार पत्र ने जहा सम्राठ के महत्वपूर विशेषाधिकारा को समाप्त कर दिया, वहा स्तमदे की सर्वोच्चिता को हमेशा के लिए स्थापित कर दिया । सन्‌ 18 2 के सुधार श्रधि- नियम तथा अय भधिनियमो ने साटी स्थिति को ही चदल दिया है 1 गाज सम्प्रभुता निर्वाचक मण्डल के पास है सम्प्रभु के पास नहीं ॥ आज सम्प्रभु घ्वज मात्र है। सप्रम्भू ने अपने झ्रापको प्रजातन # हाथो बेच दिया है । सक्षेप में सिद्धावत शासन की सारी शक्ति सम्प्रभु के पास है परतु व्यवहार में उस शक्ति का प्रयोग क्राउन अर्थात माश्रिमण्डत्र करता है 1 विवेक का शिशु भ्रिटेन में कुछ राजनीतिक सस्थायें ऐसी है जिनमे बडे सुनियोजित ढग से सुधार क्यि गये है । वयस्क मताधिकार की स्थापना, कामत सभा का लोकतश्रीकरुण, ससद मे कामन सभा वी सर्वोच्चता एवं श्रेष्ठा लाड सभा की रचना में सुधार, पयायालयों एवं स्थानीय सस्वाझों का पुवंगठन आदि ऐसे ही सुधार है जिहे सोच-विचार कर लागू किया गया है 1 ये सुधार विवक सम्मत है भ्रत” ब्रिटिश संविधान को विवेक या शिश्चु कहा जाता है, इ'ह संविधियों ड्वारा ही लागू क्या गया है । इनके प्रमुज उदाहरणा निम्न है-- 1 सन 1832, 1867, 1884, 1918, 1929 के सुगर पभ्विनियमो ने मताधिकार को नियमित कियर और श्रतत वयस्क मतायिवार की स्थापना की । सन 1969 के प्रध्नियम ने मताजिजार को श्रायु 21 वप से घटा वर 18 बप कर दी । जहा गुप्त मतदान प्रशाली को 1872 मं शुरू क्या गया वहा बहुल मतदान अरणाजी को 1948 में समाप्त कर दिया गया । ब्रिटेन में बतमान समय में सभो ईनिर्याचन क्षे एक सदस्यीय निर्वाचन क्षेव है, एक मतदाता एक ही उम्मीदवार का अपना मत दे सकता है और निर्वाचित होने के लिए साधारण बहुमत एक ही अखाजी (थिड एक 11० 7०5) विद्यमान है । 2 ससद फरेझ् दर कामय सभा की सस्थति को सर्वोच्च थौर श्रेष्ठ बना लिया जया हू 1 सन्‌ 1911 और 1949 के ससदीय झधितियमा न लांड सभा वी शक्तियां के पर कतर दिय है। आज लाड सभा एक ग्रस्थायी अस्नीक्षति तथा रहा- बदल परने व 7 सभा साध बत गयी है । कानन सभा लाड़ सभा को स्परीक्ृृत्ति के पिना भीवयीकिसी वित्तीय या सावारस विधेयक कया पारित कर लागू बारवा सकता ह 1 सन्‌ 1958 और 1963 के पीयरेज एक्टा के माध्यम से लाड सभा यी रचना म सूवार बर दिये गये है जहा 1958 के अधिनियम न आजीवन एयर)




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now