अनुवाद्क कृत | Anuvadak Kruta
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
350 MB
कुल पष्ठ :
429
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)्् या ज ने रहता हो गुद्ध
परमात्मा के ध्यान में तत्पर, आत्मीनष्ठावाला भे कगे के
उच्छद करने में तत्पर पुरुष संन्यास द्वारा शरीर को बाग कर-
ता, उसी को परमहंस जानना” |.
तस्मादनथोरुमयों! परमहंसत्व॑ सिडम | स-
मान5प परमईसस्वे सिद्ध 1वेरुद्धर्माक्रान्त-
। त्वादवान्तरभेदोष्प्पभ्युपगन्तव्ध:! । विरुद्ध
धर्मेत्व॑ जा55रुण्युपनिषत्परमहंसो प निष-
दा; पर्योलोचनायाप्रवगम्पते ।
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पति इत्यादिना सर्वत्यागमासिधाय दृ
भाच्छादन कापीन पारग्रहत ?”
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दृण्डादिस्वीकार विधाय असंध्यादों स््नानमा-
चरलू । समाधावात्सन्याचरेत्सवैष्ु
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इन दोनों आश्रपों
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