इटली की कहानियाँ | Etali Ki Kahaniyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
330
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)फट गद्रा हो। तोप के धमाके से
को तीखी ग्रश्चे - जैतून के तेल
घुल की ग्रधे - अधिक नीद्रता में
तोप के भारी धमाके से दब जानेवाला गर्म दक्षिणी नगर
को कोलाहल जो क्षण भर को सड़क के नपे हुए पत्थरों से
चिपक गया था फिर से सइको के ऊपर उठा और एक नौडी ,
धृघली नदीं के रूप में सागर की ओर वह चला।
नगर किसी पादरी के बढ़िया कज्ौंदावाले जामे की तरह
समारोही रूप से चटकीला और रख-विस्या था। उसरी आवेशपूर्ण
चीखो-चिल्लाहटो धडकनो-स्पन्दनों और आहो-कराहों में प्रभु
की आराधना की तरह जीवन-गान गरूज रहा था। हर नगर
मानव-शथ्रम से वना हुआ मन्दिर है हर कार्य भविष्य की प्रार्थना
है।
सूरज अपने झिखर पर था. दहकता हुआ नोलाकाश आसे
चौधिया रहा था मानो उसके प्रत्येक अश से जलतो हुई नीली
किरण पृथ्वी और सागर पर नीचे गिर रही थी जो नगर के
हर पत्थर और पाती में गहरी घुस जात्ती थी। सागर रपहली
कझीदावारी से खूब सजे रेशमी कपड़े की तरह चमक रहा था
और तनिक हरी, गुनगुनी लहरों की स्वप्निल गति से तट की
छूने हुए जीवन और सुख-सौभाग्य के सोत अर्थात् सूर्य वी महिमा
का धीमा-धीमा और बुद्धिमतापूर्ण स्तुति-्गान गा रहा था।
धूल में लथपथ और पसीने से तर लोग खुशीभरी और
ऊंची आवाजों में बातचीत करते हुए दिन का भोजन करने को
भागे जा रहे थे, अनेक सामर-तट की ओर तेजी से कदम
ग्श
User Reviews
No Reviews | Add Yours...