शास्त्र विज्ञान | Shastra Vigyan

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Shastra Vigyan  by स्वामी अभयानन्द सरस्वरती - Swami Abhayanand Sarswati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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स्टाक प्रभा्णीररण कप स्‍न्‍4ल4ह & ५30 42:32 (०:0५ 40 3 ८ 60 ८ 8८ ४24 अथशास्त्रविज्ञोनम। 5 ह9,ककन्तन्नंन्नस्मस्धेन्मग्लन्मस्म्सस्मेंग्ेस्ममेस्मेंस्ट वाचकवुन्द ! जिसप्रकार बेदो के पूर्णन्ञान होने के लिप हमारे प्राचीन ऋषियों ने चार उपचेद, छः अंग बनाये उसीप्रकार छः उपाड़ भी बनाये हैं वे शाख वा दशन नाम से तक॑विद्या में प्रसिद्ध हैं। जिनमें वेदों को प्रमाण माना है, ओर चेदोक्त सिद्धान्तों पर तक से विचार किया है। उनके नाम यह हैं र वशेषिक, बे न्याय, छ्े साख्य, हे योग, है मोसमांसा, और ८ वेदान्त । तीन और भी शास्त्र नास्ति- को के हैं ९ चार्वाक, २ बौद्ध और ३ साह त। अर्थात्‌ ६ शास्त्र वेदिक ओर ३ अवैदिक हैं। इस भन्ध में जो वैदिक ८ शास्त्र हैं उनके शास्त्रीय विचारों फो विज्ञान की द्वष्टि से प्रति- पादन किया जायगा। जनता ऋषियों के बतलाये लोकिक और पारलोक्िक विद्याओं के रहस्य को ज्ञानकर परस्पर लाभ उठावबेगी । # पटशा्रों का प्रयोजन & प्राज्नीन समय में परोपकार दृष्टि से ६ ऋषियों ने वेदों के कठिन भावों को सरल गीति से जानने के लिये ६ शास्त्रों का निर्माण किया | किसी नीति का लोक है कि :--+ मं




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