संसार का नारी इतिहास | Sansar Ka Nari Itihas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
176
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मे 5
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घहा भारी काम पहुँच! है | ऐसे,नोवन,चरित्रों की इतनी अधिन्ष ,
साधश्यकता दे 'फ़ि ज्ञितती किसो अम्य प्रसक्तारक्ो पस्तके।ा की
नहीं, क्योंकि जोघन चर्द्रों से पसो प्रसागफी शिक्षा मिलता है
पेसे ज्ञाधन चरित्रों को कमीके। पूरा करनेके लिये कई घर्षोंकि फठित'
परिश्रम से ५०० पाच सो छिया के जीवन चरिषों फे श्रष्ठी ' खोज
और दलचकर इकट्ठा किया है यह एक अपूघ खपत है,इस सम्पूर्ण,
पुस्सक फे प्रकाशित दे जाने पर एक बड़ी भारी फंमी पूरी दागी
पुस्तक कैली उपयेगी देयो और इससे स्रो जातिका कितना '*
अधि डपकार देगा से। पुछतफ का पढ छुतकर दवा पता लगे गा।
जिनके पढने भौर छुनने से स्रियाँ भोर कन्या्ों के खित्तपर '
जादु कैला असर द्वागा, इस पुस्तक की भाषा पेसी सरलत और
मदर है जिसके पढना भारस्म फरके छोड़ने फा इच्छा' न देगी |
दर पक जो कपास एक दूर प्रति अयश्य रदना चाहिये इस
पुस्तक के पढ़ने और खुबने, से जिन उपयेयी शिक्षा्ों का सूखसे
मख्र लिया और फनन््याओंके छू दयपर उत्तम प्रभाव पड़ेगा बद्ध अन्य
प्रकारक्ती सकडे पुषनक पढने और खुननेसे भी न पड़ेगा इसलिये '
बहुत सो पुरूतकेा के न पढाकर एक यद्दी पुस्तक पढ़ाइ्ये इसमें
समो प्रकार की ग़ुणवर्ती प्राचीन ख्थिये के अपूर्वा चरित्रों का
थर्णा न है जिसे पढ खुनकर ख््रिपा द्वी क्या पुरुत भी प्रसन्न द्वागेव
इस दुलभ प्रन्थके संप्रद ऋरने में जितना अधिक समय
व्यतीत छुआ तथा जिन बद्दे यड़े बहुमूल्य प्रायोन ग्रन्धों का!
मधन कर यद्द लिखा गय। है'उलका दिसाब लगाकर यदि इसका
मूल्य २५) रुपया रबखा जाये ते भी मधिरू मदेया परन्तु इस,
पारश्रम और खच का घिच्रार न कर मुल्य पूरे ब्न््ध फा भो
रूागत मात द्वी कम ,रक्खा जापैगा जिससे सब, साधारण खि्यां,
५ भीचन्मगाकर छाभ उठासक।, '
फई भागों मे ५०० सौ जोधन चरित पूरे होंगे शीघ॒ृदी पत भेज
फर सम्पूर्ण पुस्तक फे आहक बन जाइये जिस पकार जो भाग,
प्रकाशित द्वागा,ये ० पो० द्वारा उपहारा मत्य में भज्ञा जावेसा ।
पता:--श्रीसतोी यशे।दादेवो
' _पार्द बक़्छ न०४ कनेलगछज द्लाहाबाद
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