टाल्सटाय की कहानियाँ | Talsatay Ki Kahaniyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
174
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)परीक्षा २९
121: विलनननम नबी यपक कध कद118 1 7
“सेम्थोनिच, कदाचित् छुमने उस मामले का हाल सुना हो, या
कदाचित् सुमे पहले कहीं देखा हो ??
“सुनता क्यो नही ? दुनियाँ में तरह तरह की अफवाहें फैली
हुई है लेकिन यद्द बहुत पुरानी बात है, मुझे थाद नहीं क्या
| सुना था।?
अक्षयानफ ने पूछा--शायद छुमने सुना दो कि सौदागर
को किसने मारा ?”?
'. मकार सेम्योनिच हँसा--फिर उसने जवाब दिया “उसी मे
मारा होगा जिसके थैले मे छुसी निकली | अगर वहां किसी
दूसरे ने छुरी छिपा दिया तो कहावत है कि जबतक कोई पकड़ा
न जाय तबतक चोर नहीं । जब कि भेला तुम्हारे सिर के नीचे
रक््णा हुआ था तब कोई दूसरा उसमें छुरा रख कैसे सकता था,
छुम जाग न जाते ९”
जिस समय अज्षयानफ ने ये शब्द सुने उसे विश्वास हो
गया कि सौदागर का हृत्यारा यही है । यह वहा से उठकर चला
' गया । रात भर अक्षन्यफ के नौंठ नहीं आई | उसके मन में
| बडी अशान्ति व्याप रही थी, उसके मस्तिष्क में तरह तरह के
चित्न उठ रहे थे। पहले तो उसके सामने अपनी सत्री का चित्र
झ्राया--उस समय का जब कि वह उस से दिदा द्वोकर मेले में जा
'रहदा था। उसे ऐसा जान पडा कि मेरी स्त्री सामने पड़ी है। स्त्री
4 अमन
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५० कक र
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