टाल्सटाय की कहानियाँ | Talsatay Ki Kahaniyan

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Talsatay Ki Kahaniyan  by रामचन्द्र टण्डन - Ramachandra Tandan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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परीक्षा २९ 121: विलनननम नबी यपक कध कद118 1 7 “सेम्थोनिच, कदाचित्‌ छुमने उस मामले का हाल सुना हो, या कदाचित्‌ सुमे पहले कहीं देखा हो ?? “सुनता क्यो नही ? दुनियाँ में तरह तरह की अफवाहें फैली हुई है लेकिन यद्द बहुत पुरानी बात है, मुझे थाद नहीं क्‍या | सुना था।? अक्षयानफ ने पूछा--शायद छुमने सुना दो कि सौदागर को किसने मारा ?”? '. मकार सेम्योनिच हँसा--फिर उसने जवाब दिया “उसी मे मारा होगा जिसके थैले मे छुसी निकली | अगर वहां किसी दूसरे ने छुरी छिपा दिया तो कहावत है कि जबतक कोई पकड़ा न जाय तबतक चोर नहीं । जब कि भेला तुम्हारे सिर के नीचे रक्‍्णा हुआ था तब कोई दूसरा उसमें छुरा रख कैसे सकता था, छुम जाग न जाते ९” जिस समय अज्षयानफ ने ये शब्द सुने उसे विश्वास हो गया कि सौदागर का हृत्यारा यही है । यह वहा से उठकर चला ' गया । रात भर अक्षन्यफ के नौंठ नहीं आई | उसके मन में | बडी अशान्ति व्याप रही थी, उसके मस्तिष्क में तरह तरह के चित्न उठ रहे थे। पहले तो उसके सामने अपनी सत्री का चित्र झ्राया--उस समय का जब कि वह उस से दिदा द्वोकर मेले में जा 'रहदा था। उसे ऐसा जान पडा कि मेरी स्त्री सामने पड़ी है। स्त्री 4 अमन ? ५० कक र




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