नंदीसुत्तं | Nandisuttam

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Nandisuttam  by मुनि पुण्य विजय - Muni Punya Vijay

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१६ सूर्णियुकत मन्दीसूत्रका विषयाबुफ़म पृष्ठ ष़् विषय पृष्ठ हे खहालिकधत हे नाप ५७ १०८-१ भ्रतुगोशश्िाइके मूहप्रपप्रातुवोय भर '्ू्णिमें-- २५ उ्ाल्कियृतद नाप्रोंका गहिकामुगोग दो प्रकार तथा इनका खहप ७६ शुपश्यपविवएण पूर्णिमें- पिदगसिकाका गण ए७ 4३९. फ्रालिकपुतफ़ २५ नाम ५८ १९१. चूडेंग्रा रक्षाद ७९ धयूरषियें--बाहिकि धुत वार्मोत्न ध्युस १११६-१३ इशादका परिभाग और विषय हू स्यपंविवरण। टिप्पणीमें भामोंकी मी ११४. द्वादशाड्क्े विराषकोंढ़ों हानि ८० बेराका निर्देश को ; ११५. द्वादशाड़ौके आराधओ्ेंदों लाभ “ ८१ ४. भावयपकतिरितधुतका हा १९६. द्वादशाहीकों शाइतिकता ९1 6. भा्विष्युकके १३ नाम ७ १९७. द्रव्य क्षेत्र काल भावी शरुत्जञानका खड़प ४३ हक पल लक १९८ गा ४८1१ घुतज्ञावके चौदहमेद गा ८९ 4. छाश्ास्न सल ही शु्ागक्ष यम गा ८३ पद भाठ ८७. ३ ज्ानाइपुजका सह १३ गुण गा ८१ सूत्रायत्रवशविधि गा 4५ ८८. 9 सम्रायाहएुन्नका सहप ६ सुप्रध्यात्यातविधि और उपर्क्षर-तरी ८९ ५ विवाश्फपतततिअधपत्रण खबप ६५ सूतकी समाप्ति रे ९०. ६ पझाताध्मक्थाहसुप्तका सक्य ६५ 5 ककओ गरदीयृष्नगत गाधाओंड़ा ३ अकाशदिक्रम ९ ९१ ७ उपातकदशाहसूत्का लख्प ६६ द्वितीय परिशिए- रन्‍्दीचूरिंगत दद ९ «८ धन्तष्टाहपूत्का सर्प ९७ ९ ९ अतुत्ततौषपातिकंदशाइसूत्रका लए. ६६ हक अधताओ हे गे भरवुत्त हपज़दा हृतीय परिशिए्ट- नन्दीचू्ीगत पातन्तर ९४. १९ प्रप्नध्याकरणदक्षाईयत्रत्र लहप.. ६९ भौर प्रदाता निर्देश ध ९५ १९ पिपाकसूत्रके दु'लविपाक सुछधविपाक चतुधे परिशि्ट- नल्वीदत्र और घूगिगत दो प्रकार उन वणेने और स्वह्म ७० ९६ ११ हृष्टिवाद भेगके शैच भेद ७१ ९५-१०५ परिकार्दश्तादके सात प्रचार और हनके भेद. ७१ एशप्र परिशिए- गईयृत्र औरचघूणिंगत १०५ पुन्ररश्ादके २९ प्रद्मर ७३ दिष्यपिभाग और ब्युतत्तिदश्क इन्दोंका १७. पूवंगद्धाद-चौदह पूर् जप भक्षारादिक्म ६ प्रथ प्रयकार, स्पविर दुप म्रेप्ठी नगर भादि के विशेषनामोंग अश्ारादिक्म ४९




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