शीघ्रबोध भाषा टीका समेत | Shighrabodh Bhasha Tika Samet
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
189
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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* दीका-जो कन्याका ज्रइस्पति द।(रै1१० होये वी
पूजा दानादिक देके घिवाह करे तो शुभ हो || ४* मे
एकादशेद्धितीयेवापंचमेसप्रमेपिया ॥ -
नवमेचसुराचार्येकन्यायासड्ा भकारकः ॥ ५१
टीका-नो कन्याका जृहस्पाति ११।२1५७।९। होबे
विक्षेषकरके झुभ है ॥ ४१ ॥ इति ग्ररोर्चकूम ४
अष्टाब्दिका भवेद्वीरी नववर्षा च रोहिणी ॥।
दशवर्षो भवेत्कन्याअतऊर्धरजखला ॥ ५९ ॥
डीका-अष्टवर्षमं कन्पाको गौरी संज्ञा जानिये; नववर्षमे
रोहिणी, दशवषमें कन्यासंज्ञा जानिये और इसके उपरान्त
रजस्व॒ला कहते है ॥ ४२ || ब
गौरी युरोर्वले देया रोहिणी भारकरस्य च ॥
कन्या चेद्रबले देया सर्वेदोषविवजिता ॥ ५३ |
अका-गौरीको वृहस्पतिफे वलमें देबे, शेहिणीकों सर्वके
घलमें देव और कन्पाको लंद्रवद्में देते ॥ ड्३ ॥
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