हिन्दी व्याकरण - रचना - विहार | Hindi Vyakaran - Rachana - Vihar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[७] (६) अधिकरण--क्रिया के होने के आधार (स्थान, काल बादि) को अधिकरण कहा जाता है। जैसे--उद्यान में मोर नाच रहे हैं, मन में हर्ष उत्पन्न हो रहा है, नौकर बोझ को सिर पर रस रहा है; तारे रात में निकलते हैं । (७) सम्बन्ध--जिसका, किसी दूसरी वस्तु के साथ स्वामित्व आदि कोई सम्बन्ध होता है उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं। जैसे--राजा का घोड़ा, प्रजा का धन, सन की उमंग, जीवन का फल, कबीर के पद 1 (८) सम्बोधन--जिसको सम्बोधन किया जाता है उसे सम्बोधन कहा जाता है--श्याम ! तुम कहाँ जाओगे, बच्चों ! इस काम को कर डालो 1 २०. फारकों ओर विमक्ितयों का सम्बन्ध--एक ब्रिभक्ति अनेक कारकों भर ओऔर उसी प्रकार एक कारक अनेक विभक्तियों में आता ह । से के ; (क) कारक ओर विभक्ित कारक | विमक्ति | उदाहरण की हा 1 पस् लड़का पोयी पढ़ता है । तीसरी लड़के ने पोयी पढ़ी । 1 पाँचवी लड़के से पोयी पढ़ ली गयी । » ३२. कर्म । पहली लड़का फल या रहा है । | | चौयी लड़का फलों को खा रहा है । ३. करण पाँचवी लड़का कलम से लिसता है । ४. सम्प्दान.. चौथी के ने बहन फो फ़ूल्त दिया । ५ !. पाँची . डके ने पिता से बात कही । ५, अपादान ! पाँचची , लड़का पेड़ से गिरा । ६. बधिकरण सातवी लटका घर में मिला । ' ७. सम्बन्ध । छ्ठी है लड़के का पिता । ४. सम्बोधन | दूसरी लड़के ! यहाँ माओं 1 1 लष्टकों ! इस पाठ को पढ़ डालो ।




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