हिन्दी व्याकरण - रचना - विहार | Hindi Vyakaran - Rachana - Vihar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
350
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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(६) अधिकरण--क्रिया के होने के आधार (स्थान, काल बादि) को
अधिकरण कहा जाता है। जैसे--उद्यान में मोर नाच रहे हैं, मन में हर्ष
उत्पन्न हो रहा है, नौकर बोझ को सिर पर रस रहा है; तारे रात में
निकलते हैं ।
(७) सम्बन्ध--जिसका, किसी दूसरी वस्तु के साथ स्वामित्व आदि कोई
सम्बन्ध होता है उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं। जैसे--राजा का घोड़ा, प्रजा
का धन, सन की उमंग, जीवन का फल, कबीर के पद 1
(८) सम्बोधन--जिसको सम्बोधन किया जाता है उसे सम्बोधन कहा
जाता है--श्याम ! तुम कहाँ जाओगे, बच्चों ! इस काम को कर डालो 1
२०. फारकों ओर विमक्ितयों का सम्बन्ध--एक ब्रिभक्ति अनेक कारकों
भर ओऔर उसी प्रकार एक कारक अनेक विभक्तियों में आता ह ।
से
के
; (क) कारक ओर विभक्ित
कारक | विमक्ति | उदाहरण
की हा 1 पस् लड़का पोयी पढ़ता है ।
तीसरी लड़के ने पोयी पढ़ी ।
1 पाँचवी लड़के से पोयी पढ़ ली गयी ।
» ३२. कर्म । पहली लड़का फल या रहा है ।
| | चौयी लड़का फलों को खा रहा है ।
३. करण पाँचवी लड़का कलम से लिसता है ।
४. सम्प्दान.. चौथी के ने बहन फो फ़ूल्त दिया ।
५ !. पाँची . डके ने पिता से बात कही ।
५, अपादान ! पाँचची , लड़का पेड़ से गिरा ।
६. बधिकरण सातवी लटका घर में मिला ।
' ७. सम्बन्ध । छ्ठी है लड़के का पिता ।
४. सम्बोधन | दूसरी लड़के ! यहाँ माओं 1
1
लष्टकों ! इस पाठ को पढ़ डालो ।
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