षटखंडागम | Satkhandagama
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
69 MB
कुल पष्ठ :
688
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कम ने. बिषय॑
है
३० संज्ञी ओर असंज्ी जीवोका
प्रमाण
४० आहारक व अनाहारक
जीवोका प्रमाण
क्षेत्रानुगम
१ स्वस्थान समुद्घात व उप-
पादके भद ओर उनके लक्षण
२ मारकियाकी छघक्षेत्रप्ररूपणा
ओर उनके मारणान्तिक क्षेत्रके
मनिकालनेका विधान
हिसक
४३ उपपादक्षेत्रके निकालनेका
विधान
४पाँच प्रकारके तिथचोकी
केत्रप्ररूपणा ;
५ मजुष्य, मनुष्य पर्यीष्त भोर
मलुप्यनियोकी क्षेत्रप्रूपणा
६ मनुष्य अपयाष्तोका क्षेत्र
७ मारणान्तिक क्षेत्रक्े निकाल-
नेका विधान
८ सामान्य देवोका क्षेत्रप्रमाण
९ भवनवासी आदि सवोथ-
सिद्धि पर्यंत देवों का क्षेत्र
१० भवनवासी आदि देवोका
शरीरोत्सेध
११ सामान्य एकेन्द्रिय व सूक्ष्म
एकेान्द्रिय तथा उनके पर्थोप्त
अपयोप्ताकी क्षेत्रप्ररूपणा
१२ बादर एकेन्द्रिय पयाप्त व
अपयीप्तोंकी श्षेत्रप्ररुपणा
१३ द्वीन्द्रिय, त्रीनिद्रिय ओर चतु
रिन्द्रिय जीवाकी क्षेत्रप्ररूपणा
१७४ पंचेन्द्रिय व पंचेन्द्रिय पयाप्त
जीवोकी क्षेत्रप्रुपणा
विषय सँची
पृष्ठ ने.
२९.७
२९८
२९९
हेर२
३१३
२३१९६
३१९९,
३००
३२७४
३९६
क्रम नें. विषय
१५ पंचेन्द्रिय अपयोाप्तोंकी क्षेत्र-
प्ररुपणा
१६ 'उंथिवीकायिकादिक च सूक्ष्म
पएथिवीकायिकादिक जीवॉकी
ध्वेत्रप्रसषणा
(७ बादर पृथिवीकायिकादिक
आठ वर्गांको क्षेत्रप्ररूपणा
कर
१८ आठ पृथिवियाोका जगप्रतर-
प्रभाण
१९ परयाप्त बादर प्ोथवांकाये-
कादकाका श्वत्नप्ररुपणा
२० बादर वायुकायिक व उनके
अपयाप्तोंकी क्षेत्रप्ररुूपणा
२४१ बादर वायुकायिक पयोप्तों की
क्षेत्रप्रुपणा
२२ वनस्पतिकायिक व निभोद
जीवोकी शक्षेत्रप्ररूपणा
४२३ वादर वनस्पतिक्रायिक व
बादर निगोद जीवाकी क्षेत्र-
प्ररूपणा
२४७ त्रसकायिक जीवाका क्षेत्र
२५ पाीचो मनोयोगी ओर पांचों
बचनयोगियांकी क्षेत्रप्रुपणा
२६ काययोगी ओर ओदारिक-
मिश्रकाययोगियोंका क्षेत्र
२७ ओदारिककाययोगियोका क्षेत्र
२८ वेक्रियिककाययोगियोका क्षेत्र
जे १.
२५९ चैक्रियिकमिशञ्रकाययोगियोकी
क्षेत्रपरुपणा
३० आहारकाययोगियोका क्षेत्र
४१ आहारमिश्रकाययोगियों को
क्षेत्रप्ररुपणा
१३
पृष्ठ ने.
३२८
३३१
३२७
३३७
३३६
३३७
३३८
३२०५
३४०
3-3
श२े७२
शव रे
३७४७
३७४५
३४६
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