संग्रह जाबता दीवानी | Sangrah Jabata Deewani

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Sangrah Jabata Deewani by चन्द्रशेखर शुक्ल - Chandrashekhar Shukl

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(२१ ) दफा »विपय पेत ३४ रजिप्दी ब्विये जानेसते पहले रजिध्टी करने वाढे अफृषर द्वारा जाय. ३३२ ३५ दस्ताबेजकी तकमील करनेको इनकार या स्वीकार फरनेकी दशामें फाररपाई श्र सातवां प्रकरण ( दस्तावेज़ लिसनेवालों तथा गवाहोंकी द्ाजिरीके विपयमे ) ३६ उस्र दरामे फारेचाई जय कि दस्तावेज दिखने वाछे गवाहकी दाजिरीकी भापश्यफता हो ३8३३ शे७ हाक्षिम या भदाऊकतका सम्मन जारी करना तथा उनकी तामीक करवाना ३१ ३८ थे छोग जो रजिस्ट्रीफे दफ्तरमे ड्ाजियीसे यरी दे ४३३ ३९ समनों कमीशनां तथा गयादों सम्बन्धी कादूत १३४७ आठवा प्रकरण रा ( बसीयतनामों और गोंद छेनेके इजाजवनामाके पेश किये जानेके सम्बन्धम ) ४० चे द्वोग लितरी, बस्रीयततामों भौर गोद छेनेके इजाजतनामेंके पेश करनेका अधिकार है श्श्५ ४१ चसीयठनामीा और गोद छेनेशे इजाजतनामोंकी रजिस्टी श्१५ नवां प्रकरण ( बसीयतनामोंके अमानतमें जमा करनेके विपयमें ) ४२ चछोयतनामोंका श्रमानतम जमा किया जाना श्श६ ४३ चघसीयतनामांके क्षमा करने पर फकारपाई /.. इ३६ ४३ मोहर छगे छुए उस छिफाफेका चापिस छेना जो कि दफा ४२ अछुसखार जमा किया गया है है ३३९ ४५ दाखिछ करनेवाले मर जाने पर कार्रवाई ड ३३६ ४६ फुछ नियमी तथा भदाऊकतऊे अभधिकारोंका बचाष ३४१७ दूसवा भकरण शेश्द ४७ रजिस्ट्री किये हुए दस्ताउेजोंके अमछ फरनेका खमय ४८ जायद।द्खे सम्पन्व रखने वाझे रजिस्टी किये हुए दृस्तावेम जवानी. इरे८ इकूरारनामेफि सुकाबिकरेम फब अमलमे फाये जा पगे ३८ ४९ जिन दस्तावेजोफी रजिस्ट्री आवश्यफ दे बतकी रजिस्ट्री फरानेया , परिणाम डेरेढ ५० भाराजी सम्बन्धी कुछ दस्तावेज बिना रजिस्ट्री किये हुए दृस्ता ३६ पेजोंके सुकाविलेमे ष्यापक दंगे दर




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