विश्व का इतिहास | Vishw Ka Itihas

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Vishw Ka Itihas by हरीशंकर शर्मा - Harishankar Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दिन धर्माधिकारियों व वजीर द्वार नियुक्त ! सिवनी जे या मीटसक (ऊपरी मिश्र में तो ऐसे ही पदाधिकारी थे | उनकी नियुक्तियां वजीर्‌ द्वारा होती थीं * स्थान पैतृक हो गये थे । पचम वश के फेरोह शासनकाल से.होती-धीं. और उनके स्थान पैतृक हो गये थे। पचम वश के फेरोह शासनकाल में सवेधानिक पर्रिवतन हुए। इन सबके परिणामस्वरूप मिश्र में भी सामन्तों का प्रभाव बढ़ गया । वे फेरोह के नाम पर' शासन न कर अपने नाम पर करने लगे। इस प्रकार का शासन दसवें राजवश तक चलता रहा। दसघे राजवश के अन्त में मिश्र का शासन शिथिल पडने लगा। राज्य में अशजकता अपने पाव फैलाने लगी | इस युग मे केन्द्रीय-शासन छिन-भिन्न हाने लगा और शासन सत्ता विकेन्द्रित होकर सामन्तों के हाथ मे चली गयी। इस प्रकार सामन्त युग का जन्म अएजकता के मूल में 11 वे राजवश के काल में हुआ | इसे सामन्‍्त युग इस कारण कहा जाता है कि बड़े-बड़े भूमिपतियो की शक्ति अस्ाधाएण रूप से तथा यूरोप से मिलती जुलती आर्थिक तथा राजनीतिक दशा के रूप में मौजूद थी | इस सामस्तवादी युग में नगर का निर्माण व विकास अवश्व हुआ, परन्तु जनसाधारण की दशा शोचनीय हो गई | यह महान बौद्धिक क्रान्ति का भी युग था इस काल में लोगों की मैतिक उन्नति भी हुई 1 मिश्र की पर्वत श्रेणियों पर निर्मित कब्रे इस काल की रप्यता की साक्षी है। इनमे हमें बहुत सी पेपएस कागज की तहो पर अपूर्व ऐतिहासिक घटनाएं अकित मिलती है। उनमें मानव-अधिकारों के सन्दर्भ मं भी हमे देखने को मिलता है। सामन्तों के अत्याचां से उत्पीड़ित जनता के हृदय में स्वतन्त्रता की भावना अकुरित अवश्य हुई, पर विदेशी आक्रमणों ने उस पनपने नहीं दिया । कला के क्षेत्र में मिश्र इस युग में उन्नति म कर सका । इस काल की कुव्यवस्था तथा मिश्रवासियों के पारस्परिक बैमनस्य ने अपने शत्रु सीरिया को प्रिश्व पर आक्रमण करने का अवसर दिया | सामन्त-युग की सरकार प्रिमिड-युगीन सरकार से निर्बल सिद्ध हुई और सामन्तवाद क केन्द्रीय शक्ति का छिन्न-भिन्न होना बहुत महणा पड़ा | सीरिया की सैमिटक जाति के सरदार मे मिश्र पर आक्रमण कर दिया। उसने मिश्र को परास्त कर वहाँ हाईकॉस बश की नींव डाली | सीरिया की इस जाति का मिश्र पर कितने चर्षों तक शासन रहा-यह नेश्चित रूप से ज्ञात नहीं है| प्रसिद्ध इतिहासकार डेविस का भी यही कहना है कि 12 दें गजवश और 18 दें एजवश के बीच कर समय अनिश्चित घटनाओं से पूर्ण है सामन्त युग में मिश्र की राजधानी थीब्स मगर थी | 16वें राजवश तक सामन्तों का शासन निर्विष्तता से चलता रहा | इस काल पं व्यवस्था कायम हो गई थी और मध्यम वर्ग की प्रतिष्ठा समाज में बढ़ रही थी । भविष्य के लिए चिन्तन का अधिकार प्रत्येक को दिया गया और आर्थिक व राजनीतिक विकास इस समय के विकास चिन्ह सुल्य थे। इस युग म मिश्र के व्यापार में उन्नति हुई तथा कला विकसित हुई। लाल सागर से नील नदी क। निला” के एि्ये एव नहर बनाई गईं। 'टईकॉस-कुल के राजाओं ने मिश्रवासियों परमाना प्रकार के * श अत उनके अत्याचार्णे से उत्पीड़ित दक्षिणी मिश्र के नवयुवक थीब्छ के ।




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