नई शेरो शायरी | Nai Shero Shayari
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
782 KB
कुल पष्ठ :
88
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सोत ओर ज़िंदगी
ये मये-तल्ख' भी पीना ही पड़ेगी इक दिन ।
मीत बरहक सही पर जीस्त का हासिल तो नहीं ,
कारबाने-तछवी-शौक फी मंजिल तो नहीं ,
कितनी उलझो हुई राहों से गुजरता है अभी ,
जिंदगानी की मुहिम सर हमें करना है अभी ,
जिन्दगी मौत से तारीक' भयानक पुरहोल ,
इक गिरांवार तअन्तुल का फ़ुसुर्दा माहौल ,
इससियह खाने में८ इक शमअ जलछालें ऐ दोस्त ,
बण्मे-आजादी-ए- जमहूर * सजाछें ऐ दोस्त ,
खूने-महताव से तामीरे-सहर करना है,
करने -जुलमत फो अभी जेरो-जबर करना है ,
आलमे-ताजा * की त्तशकील' का सामान करें,
जब तल्ूक जिंदा हैं क्यों मौत का अरमान करें,
मौत तो आयेगी आकर ही रहेगी इक दिन।
१. कड़वी शराव ) २, सच्चाई पर] ३. जीवन का निष्कर्ष | ४. चाह
तथा प्रेम के कारवाँ की) ५ जीवन का मोर्चा। ६. अंधेरी । ७, भया-
नक | ४. ओझल गति अवरोब का उदासीन वात्ावरण। ९. अधेरे घर
में। १०, स्वतन्त्रता की सभा। ११. चाद के रत से । १२. सुबह का
मिर्माण । १३: अंधकार रूपी महल की । १४. ढाना है। १५. नव
संसार । १६. निर्माण
( र५ )
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