दरिया साहेब (बिहार वाले) के चुने हुये शब्द | Dariya Saheb (bihar Vale ) ke Chune Hue Shabad

Dariya Saheb (bihar Vale ) ke Chune Hue Shabad by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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क्र ही अधि” शेल्दता श्रप्टपदी कहें दरिया दिल साँचि सेामसे कोई । सिंघ की ठवनि* करू रहनि एकी । ८ ॥ (दे ) झञान फा चाइ़ला सुख में दोड़िया । सुब्न में सुरति है सब्द सारा ४ १९ ॥। काया ता कर्म है भर्म छागा रहे । काया के उस दिये ठुष्टि वारा ॥ २७ नूर जहूर खुसबायां खासा बना । झञास सुबास में भंत्रर हारा ॥। ३ ॥ मुरखी मगन महजूब आापे बना । निहँगुर कनकार सहे बजत तूरा ॥ ४9 गगन गरजत अह्टे चुन्द उाखंडिसा । पंडिता वेद नहिं अंक न्यारा ॥ धरे # इटू बेहट्ू यह अन्त अआथाह है । कोड जन जुगति से जाय पारा ॥ ६१ जीहरो जानिया जाहिर जा के कहो । होरा मनि पास है जाति सारा ॥ 3 ॥# कहिं दरिया काट वलोी सस्तान है । सब्द के साचि ले सत प्यारा ॥ ८ 6 (४) संत को चाल तू समग्ह बॉँकों बड़ी । सुरति छमान कसि तीर मारा ॥ १ ॥ पाँचि के मेटि प्रज्नोद के दल मल । बे के छेटि पिउ सब्द सारा ॥ २ ॥ अनशन बस थन कक यलवददयलमवयदयदद्यण्यकान्यनकपकवकरनिक * चाल । पे खुगंघि ।




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