प्राचीन गद्य | Prachin Gadya

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Prachin Gadya by सन्त गोकुलचन्द्र शास्त्री - Sant Gokul Chandra Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रयाकर परीक्षा को सहायक पुस्तकें प्रबभ-प्र भाकर ( दसरा सस्फरया ) (&०--त्री गुराबराय एम० ए० ] इस पुस्तक में १६२० से लेकर अब तक क प्रभारर परीक्षा में आग्रे हुए नियन्‍ध दि० गये हें। साथ ही शुच्द अन्य सादित्यिक लेस भी जोड दिये गये हैं । निवन्धों फी भाषा, सरल होने पर भी परिष्कृत है, जो कि विद्यार्थियों फू लिए आदर्श पदी ज्ञा सकती है । भू० १॥॥) उद्राराज़्स नाटक सटिप्पण ( स०--भ्री धर्मंचःद्ध फि्मरद ) ( तीमरा संस्करण ) विधार्थी उपयोगी सुतप्रारिट साफझग्ण । इसमें सब पद्मों थे अर्थ, माटक यः पातों का परिचय, नाटक की आलोचना, नाटऊ सम्बन्धी परिमापाएँ, सारतन्दु हरिश्वन्द्र की विस्तृत जीवनी तथा उनकी अन्य रचनाओं का सक्तिप्त परिचय भी दिया गया है । वियार्थियों के लिए यह सर्वोत्तम सस्करण है | इसफ ढैने पर अन्य फ़िसी सहायक पुस्तक फी आवश्यकता मद्दी रहती । पुस्थक लेते समय ओ धर्मेचन्द्र विशाख्‌ का नाम दस लें | मूल्य क्दल १] हिन्दी भवन, लाहोर




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