मीराबाई और उनकी पदावली | Meerabai Aur Unki Padawali

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Meerabai Aur Unki Padawali  by देशराज सिंह भाटी - Deshraj Singh Bhati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रस्‍शौचना-माप श्ह्ृ छे लिए उस युप फे सभी सम्पप्र तिप्ठ भर्क्तों भौर करदियों का तुससी हे संदंप सस्‍्पापित करते के लिए रूमाएं पढ़ी है|शितर्मे लममण छम्े री सभी स्थान, काझ् गौर धाण की दृष्टि से दिचार करने पर प्रसंगत प्रौर स्‍क्‍्सम्भनष जान पहली है ।? ४ ग्रकशर हर शानसेन--मीरावाई का सम्दभ प्रख्वर प्रौर तामसेग सभी जोड़ दिया गया है | कहा जाता है ढिमीरावाई की प्रसिद्धि सुमकर भरुप्त मंप घारभ करके मबजर घौर तातसेस ने इसके गीतों का श्रवंध किया अए ६ 'मीरा-बहत्‌-पद-स॑ग्रह” में इसी धाशप का यह पद मी संप्रहीत है-- आई री पैं साँबलिपा शब्रास्पो ताब । सेन परक्ों प्रकशर भ्रायो तानसेत को साव ! राग ताम इतिहास झदत कर्रिं लाय॑ ताय सिर पाप । भौ्ा के प्रभु पिरिपिरनायर कीश्ट्ी भोहि सनाप | * झकदर हानसेग को शेकर मीर्रां कै पास गया इसशा यणुंत प्रियादास से भौ एस प्रकार किया है “कप कौ गिाई सूप भ्क्तवर भाईँ हिंये लिये संग तानसेव देजिदे कौ प्रापी है ।' जिरलि मिहास भयौ छथि गिरभारी खास पद सुश॒लाय एक तब ही चढड़ापो है।' यह घटना भी कपोश-कप्पिठ हैं। ऐसा जाग पड़ता है हि मीरा के भगतों हे मीरा कौ महता प्रमाशित करने के लिए ही इस घटता वी कत््सना गी है बर्योऊि यदि मीर्रों कौ मृप्पु दिडि शॉ० थधीहृप्णलाल के प्रनुदार सबत्‌ १६६० मानी जाये तौ पबबर से ने ४० दर्ष बटदी मिद होती हैं! ११ दप के भरदर के सिए ७१ दर्ष की मीर्रोँमे बदा झुप कौ निभाई रहो होगी? प्रत' यह पटमा जौ कल्पित मात्र है। डपयु बस पटलाप्रों जी समीक्षा बरने से यह स्पप्ट हो जाडा है हि ये भीएँ पा बाल तिर्पारित करने में हिसी भी प्ररार से सहाय शर्हीं हावी बरन्‌ पनेक प्रॉतवियों को एस्म देगर समरया की प्रार उसमय देती हैं। ता इन १) शरौबाई भृप्ठई७ 2 भौरा-बहतू-जद-पेए१ह पद २०७ पुष्ठ १३०




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