भरत बाहुबली महाकाव्यम | Bharat Bahubali Mahakavyam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
475
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कथावस्तु--
छह खंडों पर विजय प्राप्तकर चक्रवर्ती भरत अ्रयोध्या नगरी में
आए । उनका छोटा भाई वाहुवलो बहली प्रदेश का राजा था। वह अ्रभी
उनके अनुशासन में तहों आ रहा था। अपनी विजय की श्रपूर्णता को देख.
महाराज भरत ने बाहुबली के पास सुवेग नामक दूत को भेजा । वह दूत
भ्रत्यन्त वाग्पदु और निपुण था। उसने अ्रयोध्या से तक्षशिला को ओर
प्रस्थान किया। मार्ग में उसे अनेक प्रकार के अ्रतुभव हुए । बहली प्रदेश की
जनता, वीर सुमटों और भूमि-संपदा को साक्षात् करता हुआ वह तक्षशिला
में पहुंचा । उस समय महाराज बाहुबली सभा में बेठे थे। राजाज्ञा से प्रति-
हारी ने दूत को वाहुवली के समक्ष उपस्थित किया | सहाराज बाहुबली की
राजसभा, शारीरिक संपदा और संपन््तता को देखकर वह ॒स्तब्ध सा रह
गया । हाथ जोड़कर वह बाहुबली के समक्ष वैठ गया ।
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