राम कोश | Ram Kosh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
260
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)_ विश्वयोनिः परिपातु विश्वुतः
, - नपस्तु् शिरुषयुम्ति चन्द्र चामर चारवे ।
'..परैल्लोक्य नाणरम्भ मूलस्तम्भायशम्भवे ॥
भ श्रीक्षण 71 1, ( अ्रकरोवासुदेवस्प
; 7116 ० क्षमा एप)
अकड़ मद, श्रमिमान गा 1, अईकार,
५ गवे 78, चीद्वव 11, उद्धतता ,
2(--नाओ्श्रहँक् 8 0, सर्व & 1.
- भू 1. ए, श्रभिमन् 4 8, भौदस
आचर् 19) (--वाज़नक्तगग & 2,
०, ' भामिमानैत् 8.11, उद्धत & 1,
'अ्रकेय श्रकष्प & 1, अकपनीय & 1,
वक््तुमशक््प & 1, श्रवचनीय 8 6,
अकबर महत्तर & 2, महायस् , भेयस् ,
'छ 18, : हू
अकरा बहु मूल्य, महा मूल्य, & 1,
, | महाहँ (पे) & 2,
पक्ृत्त मत, बुद्धि, ई 4, प्रज्ञा. 1 2,
/ मेंगोषा | 1, शेमुपी 1 6,'
अकस पंविनिग्य हि 1 ॥ गा 1, अति-
५ _ माया, अ्निगा $ भरतिमूर्ति [ 4,
हु $ थ
(बर--पअतिकूल 8 विरुद्ध & 1.)
(--लेनाश्श्रालोकलेख्यंक 80, चित्र
निमी 99, प्रतिच्छायां ग्रह, 0 ए),
अक्रूसर प्रायसू, बहुपा, श्रनेकशस्,
मूयोभूयस् , श्रसकृत्, वारंवारं सुह-
मुंह, 110,
अकसीर रसायन, तेजोवद्धेन 71 1,
आशु रोग हर ॥ 2, & 2,
अकस्मात् श्रकस्माव् .दैवात् , देवयोगात्
श्रसमर्थितं, यद्ष्छया, 807,
अकारथ व्यय, निकल, निरवक, 9 1,
बूथा। 807,
अकाल दुर्भित्त 1 2, दुष्काल, नोवाक
177), प्रयाग 11 2,
अकिन्न दर्धि 8 2, निर्धन भपन,
& 1,
अफीर्ति दुलर्ति अपकीति 14,चग्रतिष्ठा,
बाच्यता ह 1, अपकर्ष 1 2,
अपयशस, 1,
User Reviews
No Reviews | Add Yours...