मौलाना अब्बुलकलाम आजाद का जीवन चरित्र | Mohd,abdul Kalam Azad Ka Jeevan Charitr

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Mohd,abdul Kalam Azad Ka Jeevan Charitr by रमेशचंद्र - Rameshchandra

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रमेशचंद्र - Rameshchandra

Add Infomation AboutRameshchandra

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
काम्रे स के प्रधात १७ इसी बीच पजाव में मुलताद तथा मलायार आदि स्थाएं में हिन्दू मुम्लिम दगे दो गये, जिनमें दविन्दुओं के धुत जन की अपार क्षति छुईं। उस समय पञोय का सारा ही धातायरण विद्ृत्य ही उठा या। अत घह्दा की बस्त॒स्थिति फी जाँच के लिये एक पमिटी का निर्माण किया गेधी, किसमें थो देशवघु- दास भौर दकीम शजमलखा के साथ भाप भी एक सदस्य ये । अप्रौल्ल में यद्ध फ्मेटी पजाय गई और पदा अच्छी तरद परि स्थिति का अध्ययन किया । आपने अपनों राय प्रकर्ट करते हुए पांव की भब्यवस्था फा असली कारण मलायाएं भौर मुस्तान दी घटनायें तथा शद्धिसगठन पी भ्रदत्ति यो बतलाया था। श्रापने उन्हीं दिनों शुद्धि के सम्युब में एक घोषणा-पत्र भी प्रकाशित फ्या था, जिसमे द्विदुओं के घ॒मम प्रचार पा झधि- कार आपकी स्थीकार करना पड़ा था। आप हिन्दू मुखलमाएंँ मे सदूभाय बनाये रफने फा भी प्रयत्म करते रहे भोर जून खन्‌ १६२३ के अन्तिम सप्ताद में आपने, अमृतसर में द्वोने चाती सेएटल सिस छींग के भधी के नाम निम्न संदेश भेजा था :-- “यारे भाई ! अमृतसर में द्वोने वाली सिस लीग में सम्मिलित होने के निमत्रण के लिये धन्यवाद! खेद पे (दि डबल द्वोने के फारण म॑ सम्मिलित तो न दो सक गा, फिर भी आपके शभ उद्दे श्यों के साथ मुझे; पूर्ण सदाउ॒भूति है। सिख जाति को मेरा यद् संदेश पहु चा दें कि हिन्दू मुस्लिम एकता अपने घास्नचिक रूप में द्वो तथा आपस में लबने बाली दोनों , लाखियों क ऋाए मिला दें। मुझे पूय पिश्वाल/ दि रैक, यदि




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now