सारथी से महारथी | Sarthi Se Maharati

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Sarthi Se Maharati by सन्त गोकुलचन्द्र शास्त्री - Sant Gokul Chandra Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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4 रु श, का ह्दी भूषण परात्ा दा सहायक पुस्तक घ्याकरण-प्रदीप (छ&+--प्रो* २॥र*ँद एम, प्‌. ) यह द्विन्दी का पहला अ्याकरणा है मिममें स्याफरग[ विषय का विभेयन पर्याप्त उिस्तार और शाखोय ढँग से किया गया है; मिममें दिल्‍्दी-भाषा-विज्ञान पर भी संशिष्त विचार प्रफट किये गये हैं और राभस्थानी, अबवी तथा श्रगमापा के स्योरुरगा पर भी प्रकाश डाला गया है। यदी इसडी सबसे बड़ी विशेषताएँ हैं, चोर यही विद्यार्थियों फी सपसे बढ़ी माँग है शिन्‍्दें प्राचीन फरन्य- मादित्य का भी अध्ययन करना द्वोता है। इसरफी €सी पिरोपता फो देखकर पंज्ञाद यूनियर्सिटी ने श्से दिल्‍्दी भूपगा में नियत क्रिया है। मूल्य १) अल्लंकार प्रवेशिका की प्रश्नोत्तरी ( छेब्--छार--दुर दिस सुस्त, सादिरय रिशारद, शिग्दीआमाइर ) इसमें अलक्रार प्रवेशिका का संछेप प्रश्न भार उत्तर फे रूप में दिया गया है। मूल्य ।>)! मात्र । व्याकरण की प्रश्नोत्तरी छऐे*--भी भीक्षप्रताप शास्ों, थी. प्‌ और कपिराज रामलाछ अ्रप्रवाल संपादक-- भ्री धमचन्द्र प्िशारद .. इस पुस्तक में दिन्दी का सारा ध्याकरण बहुत आ्रासान भाषा में प्रभ्भ ओर उत्तर के रूप में समझाया गया है । विद्वान संपाइक ने इसे हर तरद से विद्यार्थियों फे लिए उपयोगी बना दिया है । पुस्तफ लेते समय संपादक का नाम अवश्य देख हो । मूल्य 1) सारथी से महार्थी की कुंजी .. ेब---छा* रामकृष्ण शास््री, हिस्दी ध्रभा: डा इसमें 'साप्थी से मद्ारथी' के सब गीतों सा शब्दों के आधे देकर नाटक फे अंकों को कया झा संस्तेप सरल भाषा में 3 कण सं: है भाषा में वाया ही क्षेपर सरल भाषा में.




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