धरती ने दिये है बीज | Dharati Ne Diye Hain Beej

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मैं चाहता हूँ उन्हे सर पर बैठाना | मै चाहता हूँ उन्हे बेतहाशा दीडाना । लेकिन बच्चे चुप हैं । मैं पूछता हूँ आसान सवाल दो दूनी हे और बच्चे चुप हैं । मैं सोचता हूँ वे बोले मौसम के बारे मे लेकिन बच्चे चुप हैं मैं चाहता हू, वे जाने जरूर कम से कम अपने राष्ट्रपति को अपने प्रधानमत्री के बारे मे वे कुछ तो बोले । पर बच्चे चुप हैं । बच्चो की इरा खौफनाक-चुप्पी से मैं घबराया हैं, और बच्चे चुगी। ६




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