सप्तखंडी जाति निर्णय भाग - 2 | Saptakhandi Jati Nirnay Bhag - 2

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Book Image : सप्तखंडी जाति निर्णय भाग - 2  - Saptakhandi Jati Nirnay Bhag - 2

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मंडल के उद्द श्य । $ हिन्दू जाति निर्णय पर विचार, मंडल की समस्भत्यानुसार मासिक “व्यवस्था पत्र” निकालना, े दिन्दू धर्म के विरुद आछ्ेपों का उत्तर, ४ अ्रल्पतम मूल्य पर व धर्माथ पुस्तक धचाह, ५ देश स्थिति व राज्य स्थिति के अनुसार व्यवस्था विचार, ६ हिन्दू जाति वर्ण व्यवस्था कल्पहुम नामक ग्रन्थ पर सम्मतियें, ७ देश देशान्तरों से पूछी हुई जात्युत्पत्ति आदि झन्‍्य धार्मिक विषयों पर व्यवस्था प्रकाशित कश्मा, ८ हिन्द धर्म प्रन्‍्थों का संशोधन वेदों का प्रचार व हिन्द शास्त्रों के प्रक्तिप्त विषयों पर पराघ्रश । नियभोपनिधम । १५-मंठल में दो सभायें होंगीं एक का भाभ “धम्मे व्यवस्था समा”? और दूसरी का नाम “हिन्दू सारमोम प्रवस्थकढ” सभा होगी ओर इन दोनों का समुदाय नाम “हिन्दू धर्म घ्ण व्यवस्था मंडल” फुलेर-जयपुर होगा | . २-धम्म व्यवस्थापक सभा में केवल परीक्ोत्ती्ण शाखत्ञ प्राह्मण विद्वान होंगे शफतरा परीक्षोत्तीण न होने की दशा में जिस की संस्कृत विद्या के लिये धमम व्य- चस्था सभा के ४ सदस्य सिफारिश करें । ३-भारत के प्रसिद्ध २ स्थानों फे चुनिन्‍्दा विद्वान्‌ धम्मे व्यवस्थापक सभा में सम्मलित किये जायेंगे | ४च्सेवा में पत्र भेज कर समय २ पर सदस्यों की रम्मतियें एकत्रित की जाकर मासिक व्यवस्था पत्र द्वाश प्रकाशित की जाया करेंगी । ४-गूढ़ व कठिन विवादास्पद विषयों के निर्णया्थ महोत्सव किया जाकर सदस्य एकत्रित किये जावेंगे शोर वहुसम्मत्यानुसार निर्णय होगा। ६-प्रवन्धकत्‌ सभा में उदारभावों वाले दीघ॑दर्पी कोई भी योग्य पुरुष सभा- सद हो सकेंगे । ७-घ्मे व्यवस्था सभा में वद ही विपय व्यवस्थाथ प्रविष्ट किये जा सर्दोंगे जिन को प्रवन्धकत सभा पास करदे परन्तु यह नियम उद्देश्य संख्या ७ फा बाघक न द्ोगा | ८“प्रत्येक विषयों को विचाराध दोनों सभाओं में मद्दामंत्री प्रविष्ट किया करेंगे तथा महामंत्री को अधिकार होगा कि किसी विषय को किसी कारणविशेष से हानिका- रफ समझ कर प्रकाशित व प्रविष्ट न्र करे | प्रबन्ध के सभ्यों को अपनी आय का शर्तांश मंडल को देना होगा ओर . मंडल के घत्र की स्थिति के अनुसार धर्म अ#पररुथा सभा के सदस्यों को मेंद दी जावेगी । दि




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