जीववृत्ति विज्ञान | Jeevvritti Vigyan

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Jeevvritti Vigyan by डॉ ० महाजोत सहाय - Dr. Mahajot Sahay

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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२६ जीवृव॒त्ति-विज्ञान छोटे मस्तिष्क और बड़े मस्तिष्क के बीच में मध्य-मस्तिष्क होता है । मध्य-मस्तिपष्क मुख्यतः एक तरफ़ मज्जाद॑ डमूलल मध्य-मस्तिष्क ओर छोटे मस्तिप्फ और दूसरी तरफ़ छोटे मस्तिष्क के बीच में मध्यम का काम करता है। फिर बड़ा मस्तिष्क होता है। यह सब से ऊँचा ओर सब से श्रेष्ठ मज्जाकेंदर है । इस की सहायता के बिना न हमें ज्ञान बड़ा मस्तिष्क प्राप्त हो सकता है, न सुख-दुःख का अनुभव हो सकता हैं, न किसी काम करने की इच्छा हो सकती है। यदि बड़ा मस्तिप्क काम न करे ता हम साच समर नहीं सकते । बड़े मस्तिप्क का ऊपरी भाग, मस्तिष्क-शिरोवेष्ठन, चंतना का साधन है । यदि मस्तिष्क-शिरोवेष्टन क्षण भर के लिए भी काम करना बंद कर दे, तो हम बेहोश हो जाते हैं, अचेत गिर पड़ते हैं। यदि यह काम करता रहे तो कुछ न कुछ चेतना अवश्य बनी रहती हैं ।




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