सहज सुख साधन | Sahaj Sukh Shadhan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : सहज सुख साधन  - Sahaj Sukh Shadhan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about ब्रह्मचारी सीतल प्रसाद - Brahmachari Sital Prasad

Add Infomation AboutBrahmachari Sital Prasad

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
(२) | श्ः ७ के ब्क अध्यात्ममय निरचय धर्म के ग्रन्व निर्माताओं में श्री कुन्देकुन्दराचाय का नाम अति अमिद्ध है । उनके निर्मापित पचास्तिकाय, ग्रवचनसार, अए पाहुड़ आदि श्री समयसार एक अपू्य अन्य है, जो आत्मा को आत्मारूप पर से भिन्न दिखाने को दर्पण के समान है | शी कुन्दकुन्दाचाये के तीनों प्रभातों के दीकाकार श्री अमृतचन्द्र आचार बड़े दी आत्मज्ञानी व न्यायपूर्ण सुन्दर खेखक होगए हूँ । श्री समयसार के अर्थ को खोलनेबाते जयपुर निवासी पे. जयचन्दजी होगये हैं | उनकी आत्म ख्याति नाम टीका आत्म तत्व भल- - काने को अपूर्व उपकार करती है। कारजा (बरार) मिवामी श्रीसेनगण के विद्वान भद्गाशक श्री पीरसेनस्वामी समयसार के व्याख्यान करने को एक अद्वितीय महात्मा है| उनके पास एक वर्षाकाल बिताकर मैंने समय: . श्ः कक शा जे कि (सार आत्मस्याति का धाचन किया था । श्री चीरसेन स्वामी के अथ प्रकाश से मुझ अल्प बुद्धि को विशेष लाभ पहुँचा था। उसी के आश्रय से और भी जैत साहित्य के मनन करमे से तथा श्रीमदु रामचन्द्रजी के मुख्य शिष्य श्री० रंघुराजजी महाराज की पुनः प्रेरणा से इस ग्रन्थ के लेखन में इस वात का उद्यम किया गया है कि श्री तीर्थंकर प्रणीत जिनधर्म का कुछ बोध दशाया जावे व अनेक आचायी के वाक्‍्यों का संग्रह कर दिया जावे जिससे पाठकगण स्वाधीनता की कु जी को पाकर अपने ही अज्ञान के कपादो को खोलकर अपने ही भीतर परमात्म देव का दर्शन कर सके | जो भव्य जीव इस को आदि से अन्त तक पढ़कर फिर एन ग्रन्थों का पठन फरेंगे जिनके * क्‍्योका इसमें सम्रह है तो पाठकों को विशेष आत्म छाभ होगा। इसमें यथा सभव जिनवाणी का रहस्य समभकर ही लिखा गया है। वो भी कहीं अज्ञान व प्रमाद से कोई भल द्वो तो विद्वज्जन मुझे अल्पश्रुत जानकर ज्ञेमा करें “- व भूल को ठीक फरलें | मेरी भावना है कि यह्द अन्ध सबैजन पढकर आत्मज्ञान को पाकर सुखी हो | अमरावती | जेनघ में प्रेमी-- आश्विन सुदी ८ बीर स, २४६० ता, १६-१०-१९३४ ब्रह्मचारो सीतलप्रसाद




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now