पटेल ने कहा था | Patel Ne Kaha Tha
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.3 MB
कुल पष्ठ :
168
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about गिरिराज शरण अग्रवाल - Giriraj Sharan Agrwal
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पठेल ने कहा था श्रकोध लोहा भले ही गरम हो जाए परन्तु हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए । हथौड़ा गरम हो जाए तो अपना ही हथा जला देगा। आप ठंडे हो रहिए। कोनसा लोहा गरम होने के वाद ठंडा नहीं होता ? कोई भी राज्य प्रजा पर कितना हो गरम क्यों न हो जाए उसे अन्त में ठंडा होना ही पड़ेगा नासरदार पटेल के भपिण पूरे १४५९ झच्छे कार्य कितना ही धन बुद्धि से प्राप्त कर लें परन्तु एक पाई भी साथ नहीं जाती । मनुष्य जब जन्म लेता है हब मुटुठी बन्द करके आता है परन्तु जब जाता हैं तब खाली द्वाथ जाता है । अगर कोई अच्छा काम करके जाता है तो पीछे सुगन्ध छोड़ जाता हैं। गरीव लोगों की सहायता करके जाता है तो उसे कोई न कोई याद करता है । -सरदार पटेल के भाषण पू० ३७० भ्रतिथि मेहमानों के गुणगान करना हिन्दुस्तान की विशेषता है 1 -सरदार पटेल के भाषण पृ० ३६८ पटेल मे कहा था. १३
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