मंगलकोष | Mangal Kosh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
384
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)४ अजय० गु०
- अज्ञवीथी० ज़ा० सी० सफ़ेदी जो छोटे
अचल» ग॒० जो चल-महां सक्ता ना० पुषू
पर्वतादि ।
अचछा ०ना० स््रौ० पृथ्री, धरती
अचानक० भ्रव्य० अकरमात्, एकाएक नो०
पु० कलेकता के निकट नगरविशेष । 7
अचानचक० श्रव्य० अकस्माव्, नागहान । ,
अचाना£ स० कि० भोजन करके मुंसधीनों । *
अचार० ना० १० भ्राप इतादि फा जो बन-े, ४7
ता है, और आचार । रक्ईर
अखिन्त० ग॒० चिन्तारहित, निधइक | «
अचूक० यु० जो न चूके, ठीक!
अचेत० य॒० संशारहित, बेहोश, मूव्छित ।- र् _
अच्छत० ना० पु० अत्षत, पावरहित | ०1०1५
अच्छा» ग॒० भला, सुढौल, छुल्दर 1 “८
अच्युताग्रज्ञ० न|० पु० श्रीवत्देवनी प्र ४: .;
अछेद्द० यु० बहुत, पिद्रीलालसप्तशतिकायों+ “*
धरे. रूप गुणफो गरव फिरे थ्बेह उच्ाह (51
ग्रज० ब्रव्य०ण आज, श्रम, स्ला०:-४०
अज्ञात5 ग० जन्मेराहितें; भी न उपले-
हे पआु 5 न ओह पर आाः ८
) ना पु» राजा युपिष्ठिर ।
अजान० य॒ु० चज्ञाने,
अजामिल० 1 न
अजामोल० 4 पिछका जो “गारायँय कहके।
ग॒० जो जीता न जासके,
* है पाप
अजिन०,गा० पु० विंह्यादि,का चर्म
इल््टः ७४६ «
५० | अज्ञीण० ना० पु० कुपच, बाई; गवीन ।
अच्युत० ध०,स्थिर, अ्रचलविशेष, ईश्वर 1 पं | अजों० श्रव्य० अबतक, श्रभी ।
अज्कूल० ग़ा० पु० ग्रच और हल,अर्थात् खबर ,
और व्यंजन ।...
श्र
5
जल, यफरा, “ईश्वर, शिव, यौवन/ औीरें!- | अजेन० गा? इ० काजल, छमा। .. 03.५.
आमरण, ग॒ु० जो पैदा न होते वा उपजा | ऑज्लि०
किसी नर ।. ५. . ही
तल
अज्ञगर० नां5 पु० बड़ा सांप) अजदहा सांप ।
अज्ञगुत्त० यु० अदभुत, अजायव 1 -
अज्ञगन्धा० ना० खी० बगरीपौधा ।
ना० स्री० वीरभूमि झिले की नदीविरीष
अज्ञया० ना० खी० अंजा ।
अजर० गु० णराप्दित अर्पात्: जो ' वृद्रा जार
हो,ना० इ० देवता । . 5... ,. >विमा 2
अजजोक० ना०, ६० श्रयोध्याज़ी, मश्नलोक 1:
५ घ्ग्ाईी
। घने ताशगणों को आकाशर्म दौलपुड़ती है.!..
अजहू १, अव्य० खषभी, अभी १ ० +क:
अज्ञा० नां० स्री० बकरी, माया । | अध्यः
आजि० क्रि० अजन लगाकर ।
अजित० श० अंनन अर्थात् सुरमा शैगीये (2
के० ना स््री० रोक, प्रतिबन्ध,:सिन््थुनदी |
अटकना ० श० क़िं- हुकन[) लगना *
अदछ्ूल० ना+ खरी० अत॒मान, प्रमाय, अन्दाज।
अदकलना० स० ,कि० वाड़ना, बूमता,जांचना1
अरटका० ना>-.पु०..भ्नीजगताय जीप: पअसाद+
पकाने का पात्र वाप्रसाद। , ... .......
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अटकाना० स्८ कि० रोकला, ठहराया: )
अव्काप० ना० ६० रोक, प्रतिबन्ध ।.;, ; 1:
अटखेल० धन खिलाइ़ लंचल!। ५ २क४प्भग४
अटखेली० गाल्खो० छिलाइपेन,चेत्रसाहड॥*
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| ना» स्वी० दोनों हाथका-संपुदधा (7
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मराओर छक्ति पाई ८५:०५
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