उजड़ा घर | Ujadha Ghar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
140
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
कमला प्रसाद - Kamala Prasad
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रवीन्द्रनाथ टैगोर - Ravindranath Tagore
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)उजड़ी कर 5
भूपति की भ्रशप्ता छऐे *चाहू खुश हुई | 'अमल भूपति का
प्राश्रित है, किन्तु 'अन्य आश्रिता और उनमें फंऊ हैं, इसे बात
गे उसके पति संमभते हे | इससे वह मानों गये अनुभव करती
सका भाव यही था कि अमल!'को मैं किसलिए इतना स्नेह
गदर करती हँ--इतने दिलों के घाद तुम समझ सके--मैंने
'हुत दिनों पहले द्वी अमल की'' मर्यादा समझ ली थी, अमल
कसी की अवज्ञा का पात्र नहीं है।
चारू ने पुछ्ठा, हुमने उंसकी लिसी फोई रचना पढ़ी दे *
भूपति ने कद्दा-दयॉ--नहीं अच्छी तरद्द नहीं पढो है ।
मंय नहीं मिला । किन्तु इसलोगों का निशिकान्त पढकर प्रशपा
२ रहा था । बह लेसो का मर्म भल्ती माँत सममता दै ।
भूपति के मन में अमल के प्रेति एक तरह पी श्रद्धा का भाव
ग॒ छठे, यही चारू को आस्तरिक इच्छा है | «
४ के हे
उम्रापद अखबार में-ल्लेख नेने वालों को पाँव तरद्ष के
स्फार देने को बात भपति को संममा रहा था, ढिन््हु पुरस्कार
कर किस तरद् नुऊसान सम्भालरूरः ज्ञाभ दो सम्केगा यह वात
_
सत्ताईसं
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