चिकित्सा चन्द्रोदय भाग 6 | Chikitsha Chandrodaya Bhag 6
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
424
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पाँसी के निदान लक्षण ]
मुखकयात पोलाद देते हैं | ब्थागा २1३ रती हैडरेद श्राप सिलारस शहद, 1.
#।. संसी के दस दिन दी पुगनी होने पर, जैतून का तैल ६ माशें, रोगन व
३ माथे झोर लौंग का तेल दो रद मिलाकर छाती पर मलने की राय दे
भाक के फूलोंके जीरे में लॉग १ तोले, काली मिर्च १ त्तोले औौर सतफ्द कत्पा १
मिला-पीस और चने बरायर गोलियों बना कर चूसने से भी यर झआगम हो जाती है
पित्तज खाँसी का वर्णन ।
+न्हग न
निदान या कारण |
७७-३२०४७७--आ
पित्त की खाँसी के निदान या कारण ये है --
(१) कडपे, गर्म, दाट्कारी, पद्टे, पारी पदाथ अधिफ खाना
(२) आग और धूप जियादा सेवन करना।
पित्तज खोसी के लक्षण ।
--+*-*७889- 6
पित्त की खाँसी होने से रोगी मे नीचे लिग्बे चिद्ठ पाये जाते हैं -
(१) पाँसी आने से पीछा भौर घरपरा पित्त गिरता है भथय
पीछा फफ आता है या पिच मिला कफ आता है 1
(६) आस, माख्यून, कफ ऑस्र चेहरा ये पीले हो जाते हे
(३) मुँह का ज़ायका कड॒या या चरपरा सा हो ज्ञाता है।
(४) घुखार चढ़ आता है या चुखार भायेगा , ऐसा भाट्म
होता है ।
(० ) मुँह सूखा रहता है और प्यास पहुत रूगनी है।
(६) ग्ग्मी चहुत मालूम होती है
(७) कण्ठ या गले में जलन माछूम द्वोती है ।
(८) खाँसी के पेगफ्रे निरन्तर रहनेसे तारेसे चमकते दीपते हैं।
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