नया कोतवाल | Naya Kotwal

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Naya Kotwal by कुलदीप गुसाई - Kuldeep Gosai

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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लच्छू स्तन लच्छ रतन सच्छू रतन लच्छू हजारा रतन हट्टी, जेडा मर्जी आवे टिन्ड मनाबे ते जावे । क्या मैं पूछ सकता हू कि सेरा कसूर कया है ? अभी बताता ह तेरा कसूर। हु इज योर गेग लीडर ? मेरा मतलब है तुम्हारा उस्ताद कौन है ? मेरा कोई उस्ताद नही है, मैं अकेला हु और बेकसूर भी | तुमने नंकलेस नही चुराया ? नही । नही । तो क्‍या लडकी झूठ बोल रही थी ? मुझे कुछ नही मालूम । ओ मालम दे पुतरा, सिद्दी तरहा दस दे नही ते बैखय्या ए डडा | (डडा मारते लगता है पर रतन रोक देता है ।) मैं आखिरी वारपूछता हू, तुम्हारा उस्ताद कौन २ मेरा कोई उस्ताद नही और ना ही मैंने नकलेस चुराया है। नही चुराया है ? (अचानक पट मे घूसा मारता है।) बोल, कौन है तेरा उस्ताद ? कोतवाल साहव, आप कानूनी जुर्म कर रहे हैं, आपके पास नैकलैस चुराने का कोई सबूत नही है। (जोर पे चादा मारता है।) चुप वे सवूत्त के बच्चे, हमे कानून सिखाता है! (बच्छू के मुह से घून निकलता है।) नया कोतवाल २५




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