भूतलीला | Bhootlila

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Book Image : भूतलीला  - Bhootlila

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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इतता ही महीं, इटली में बाकायदा एम भूततपर भी है, छो बिकाऊ भौ है। पिप्िमाक्ेदो शामझ इस मूलनगर की कीमत सिर्फ़ पौसे दो एयर स्पये हैं। महू भूछमयर स्विट्यरकैण्ड और इटली की प्तीमा पर दोमोटोसोछा के पूर्ष में ल्थित है। एक हुड्ार गर्प पुरामे इस मगर में १९५० से कोई शादमी नहीं रहूठा । सदियों पहले इसी भूठगगर में पर्तेद्टा शामक एक इतिहास-पसिद्ध डॉक्टर रहा जा, जिसने मसेपोसियन की पलनी बोस्रेफ़ाइम को मौत के अंगुरु सं बचाया था। १९६६ म॑ पिस्तियोक्ेदो में पासक्बस सामक एक बुद्ध किसात रहता था। बेचारा दुद्ू तो या ही श्ुस्स भी था। क्षोप उसे यह कह-कहकर छेड़ा करते ने कि अमुझ सड़की तुमपर जाम देती है। यह सुमते ही बेचारा पासक्येख अपना गिटार फ़ैकर उस कड़की के घर के सामने पहुँच लाता और प्रेमगीद गाने रूमता । छड़की के माई-पिठा तथा अम्य रिप्तेदार उप्तका अपमान करके झसे भमा देते । एग' दित उसने इन अपमानों से तंम खाकर मास्महत्पा कर शी | दब परे उसका भूत बहाँ मेंडराता रहूता है, धोर किसी को मी चैन से नहीं बैठने देता | उसकी देकादेखी मस्य भूत भी बहाँ भ्राकर रहने मे | अव इसका मासिक- मारियो पेम्रेल्दो इसे सिर्फ़ पौने दो खास में बेचकर मपमी लाग बचाता 'बाहूता है। अमरीका में भूतनगर तो नहीं है, पर एक ऐसा बिश्वाप्त भुतह्या भगन अबस्य मौजूद है, लिसे पिछफ्ते इस अर्पों से मूर्दों मे जपता अड्डा बना रक्षा है। डॉक्टर जॉन मार्टसे के नेशृत्य और साइकिकेछ रिसर्च फ्राउस्डेघन के दत्त्वावधघाम में, अमरीका के कुफ गष्यमास्म बैशानिकों बा एक दस, जिसर्मे कुछ प्रस्याद मनो शैज्ञामिक भी सम्मिस्ित है, भूर्तों का बैज्ञानिक अध्ययन कर रहा है। कहा घाता ई कि भूर्तों को फ़ेकर इतना बिक्तद बेज्ञानिक अध्ययत आज दक गहीं क्रिया गया। महू दछ ऐसे प्रस्‍्तों बे उत्तर छासते का प्रमाप्त कर रहा है--क्या एक ही मूत॑ एक ही समय पर एक साथ, कई ब्यक्तिपों को दिलाई दे सकठा है, भूतों की आदतें, पोप्ताक बोछियाँ जायु बादि बादि। पर, इस दस की परेशानी मह है कि मूतमण उसकी इच्छामुसार उसकी अैज्ञासिक प्रमांपक्षाक्ता में जामे को तैयार भहौ होते। बह चुटझुछा सुना होया आपने | एक प्ाहब ते अपने नये सौकर से कहा देखो भाई हम क्यादा बोसने की आदत रहीं है। पैसे ही घिर हिछायें फ्रौरम हाजिए हो लाया करो । तोकर मे कहा 'साहब हम मौ स्पादा बोलने की मादत नहीं है । यब हम छिर द्वि्ता हें हो मम ब्लीजिए, हमारा जाने का मूड नहीं है । भूत जौर वैज्ञानिकों के जापठी सम्बत्ध भी करीब-करीब ऐसे ही हैं। भूठों पर वजशानिक दश्पित भूर्तों मौर उसकी सीछारमों का बैज्ञातिक अम्ययण के जी जुववन्ीी छा




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