श्री मुहम्मदबोध और काफिरबोध | Shri Muhamadbodh Aur Kabhirbodh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
124
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(७०० ) काफिरबोध । श्८
ताका साहेव मक्का वस्त। मक्रवन्तका साहेबअकिल मन्द
अकिलमन्द अकिल सो जाना। मन झरीद दोस्ती दाना ॥
सहर गदाई कोन यार। सिर खुरदनी कोन यार॥
बन्दी खाने कोन यार। तख्त बादशाही कोन यार ॥
काया यार सिर खुदनी। दिल यार मार माही॥
जीव यार. बन्दी खाने।मन यार तख्त बादशाही ॥
मनलाल दिललाललालपोतदार। हमसाही हमसाहसाहपोतदार
शत कवर साहब का वचन उचार वचार ।
अथा खांन मरहम्मद अढठा पादशाहका प्रबाध |
कलिक कीमोक लिस रसमें की चशमें । खदयर संयम
करदम । ओजूद राह चक्रित करदम ।
आवल-अई पीर है । मन मुरीद है। तन शहीद है। असल
गदाई हे।तकबुर दुशमन है। गुस्सा हराम है। नफ्स शैतान है।
चोरी लानती है | जवारी पलीदी है । अदब आदि है। बे
आदब कम असल है । राह पीर है। वेराह बेपीर है । सांच
विहिश्त है। झूठ दोजख है। मोमदिल पाक है । संगदिल
नापाक है। हिस हेवान हे । बेहिसे वली है ॥
लाइ लुइ हरकत है। अचेतबेग़लाम है। असलजादे को सलाम
है। कृतहीन जदंरू है। दाना जोहरी है। असलकी दोस्ती है।
दाना शायर है । बूझ महवृब है । बन्दगी कब्॒ल है ।
अल्लाह नर है। आलम हद है। साहिब बेहद है । यकीन
मुसलमान हे।शील रोजा है। शर्म सुन्नत है।इमान मुसलमान है।
बेईमान बेदीन है। दिल दलील है। बाँग बलेल है। फकीरी
सबूरी है । नासबूरी मकारी हे। दरोग द्वन्द है ।
हरि समझाता ।
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