योगासनों से इलाज़ | Yogasanon Se Elaj

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : योगासनों से इलाज़  - Yogasanon Se Elaj

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ॰ समरसेन - Dr॰ Samarsen

Add Infomation AboutDr Samarsen

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पूरी तरह शरीर के साथ सटी रहे। सिर, यर्दन तथा दोनो कधो पर सारे शरीर का भार आ जाए। ठाँगें बिल्कुल सीधी रहे, घुटनों से मोडिए नहीं। दोनों पैरो को मिलाइए, पैरो के अ्रगूठो को नाक की सीध रखिए। लाभ--१ २ ३ इस आसन से शरीर का रक्त शुद्ध होता है । दिल और फेफडे (1.05४5) मजबूत होते है । फंफडो के रोग धीरे-घीरे दूर होने लगते है। पिर, आँखो तथा दिमाग को शवित प्राप्त होती है। श्रांखो की ज्योति बढती है । सिरददं दूर होता है चात-रोग दूर होते है, खूब मे कोई खराबी भा गई हो तो मिट जाती है। इससे पाण्डु रोग (पीलिया, 3720०४/०४) जाता रहता है। पाचन-शक्ति बढती है, पेट के रोग दूर होते हैं, साया-पीया पचने लगता है। पेट की गैस का कष्ट समाप्त हो जाता है । ७ गले में स्थित थायराइड तथा पिट्युटरी नामक नलिका-विहीन ग्रन्थियो को पोपण तथा उत्ते- जना प्राप्त होती है, जिससे इन ग्रन्थियों से अधिक हारमोन्स निकलते है शोर शरीर में चुस्ती, फुर्तो, शक्ति आती हैं । इसे 'नवयोवन का दाता झासन' वहना चाहिए विशेष--इस श्रासन को दस सैकड से एक मिनट तक योगासगो वीजिए । से इवाज सर




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now